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सांसद चंद्रशेखर ने सीएम योगी को लिखा पत्र, प्रत्येक जिले में बाबासाहेब की जयंती मनाने की पूर्ण स्वतंत्रता की मांग

MP Chandrashekhar wrote a letter to CM Yogi, demanding complete freedom to celebrate Babasaheb's birth anniversary in every district

लखनऊ, 30 मार्च । आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने मांग करते हुए लिखा है कि राज्य के प्रत्येक जिले में बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती मनाने की पूर्ण स्वतंत्रता दी जाए और इसे रोकने वाले अधिकारियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

सांसद चंद्रशेखर ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सार्वजनिक किया है। उसमें लिखा है, “भारत रत्न, परम पूज्य बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, जो भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक हैं, उनकी जयंती को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही है। यह केवल अंबेडकर अनुयायियों पर नहीं, बल्कि संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है।”

उन्होंने आगे लिखा कि यह घटनाएं न केवल प्रशासन की मनमानी को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी सिद्ध करती हैं कि सरकार और प्रशासन में कुछ तत्व संविधान के प्रति जवाबदेह नहीं रह गए हैं। बाबासाहेब की जयंती को रोकने का प्रयास केवल बहुजन समाज का अपमान नहीं, बल्कि संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है।

चंद्रशेखर आजाद ने सरकार से निम्नलिखित मांगें की- राज्य के प्रत्येक जिले में बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती मनाने की पूर्ण स्वतंत्रता दी जाए और इसे रोकने वाले अधिकारियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने लिखा कि जिन जिलों में आयोजनों के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है, वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से सार्वजनिक रूप से स्पष्टीकरण लिया जाए कि किन आधारों पर यह असंवैधानिक निर्णय लिया गया।

सांसद चंद्रशेखर ने लिखा, “भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में किसी भी सामाजिक समूह के अधिकारों का हनन न हो। सरकार स्पष्ट आदेश जारी करे कि किसी भी जिले में अंबेडकर जयंती के आयोजनों में कोई बाधा न डाली जाए और सभी प्रशासनिक इकाइयों को इसके लिए सहयोग करने का निर्देश दिया जाए। यदि इन मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया, तो हम इसे बहुजन समाज और सामाजिक न्याय की विचारधारा के विरुद्ध साजिश मानेंगे और लोकतांत्रिक व संवैधानिक दायरे में रहकर कड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।”

उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता का अपमान किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। लोकतंत्र में सभी को अपने महापुरुषों को सम्मान देने और उनके विचारों का प्रचार-प्रसार करने का समान अधिकार है। सरकार से अपेक्षा है कि इस पत्र को गंभीरता से लिया जाए और तत्काल ठोस कार्रवाई की जाए।

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