नीति निर्माताओं और औद्योगिक क्षेत्र के बीच सहयोगात्मक भावना को रेखांकित करने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक में, सांसद (राज्यसभा) संजीव अरोड़ा ने लुधियाना के बहादुरके रोड के उद्योगपतियों के एक समूह के साथ बातचीत की।
यह बैठक वस्त्र उद्योग, जो इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का आधार है, के समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए एक ठोस प्रयास था। इस वार्ता में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जो उद्योगपतियों की बुनियादी ढांचे और सेवा सुधारों की तत्काल जरूरतों को दर्शाते हैं।
चर्चा का पहला बिन्दु अनियमित बिजली कटौती के इर्द-गिर्द घूमता रहा, जो विनिर्माण प्रक्रियाओं को प्रभावित कर रही है। उद्योगपतियों ने इन व्यवधानों के हानिकारक प्रभावों को रेखांकित किया, जिनका उत्पादकता और आर्थिक स्थिरता पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है।
इसके जवाब में सांसद अरोड़ा ने पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (पीएसपीसीएल) के मुख्य अभियंता जगदेव सिंह हंस से सीधे संवाद करके त्वरित कार्रवाई का प्रदर्शन किया तथा उन्हें उद्योगपतियों के साथ बैठक कर इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने की सलाह दी।
सड़कों की स्थिति भी एक अन्य मुख्य मुद्दा थी, जहां उद्योगपतियों ने बुनियादी ढांचे की खराब स्थिति पर प्रकाश डाला, जो माल के निर्बाध परिवहन में बाधा बन रही है।
स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सांसद अरोड़ा ने उद्योगपतियों को शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया तथा सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए उद्योगपतियों की नगर निगम आयुक्त एवं सीए ग्लाडा संदीप ऋषि के साथ बैठक तय की गई।
एक गंभीर चिंता यह थी कि पास में कोई फायर स्टेशन नहीं था, क्योंकि मौजूदा सुविधा 9 किलोमीटर दूर है, जिससे आपातकालीन प्रतिक्रिया समय में काफी देरी होती है। एमपी अरोड़ा ने इस मुद्दे की गंभीरता को स्वीकार किया और क्षेत्र में सुरक्षा और प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक व्यवहार्य समाधान की तलाश करने के लिए प्रतिबद्ध थे।
कानून एवं व्यवस्था की चिंताओं को संबोधित करते हुए उद्योगपतियों ने नियमित पुलिस गश्त तथा सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पुलिस चौकी की स्थापना की मांग की।
उन्होंने इस मामले को लुधियाना के पुलिस आयुक्त कुलदीप सिंह चहल के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया, ताकि सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जा सके।
उद्योगपतियों के प्रति एम.पी. अरोड़ा की प्रतिबद्धता स्पष्ट थी – उन्होंने उनकी प्रत्येक चिंता का समाधान करने के लिए लगन से काम करने का वचन दिया, जिससे एक व्यापार-अनुकूल माहौल विकसित हो सके, जिससे न केवल उद्योगपतियों को बल्कि व्यापक समुदाय को भी लाभ होगा।
यह बैठक सरकारी प्रतिनिधियों और औद्योगिक क्षेत्र के बीच गतिशील बातचीत का प्रमाण थी, जो पारस्परिक प्रगति और समृद्धि की दिशा में प्रयास कर रही थी।