शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा कंगना रनौत और फिल्म ‘इमरजेंसी’ के निर्माताओं को कानूनी नोटिस भेजे जाने के बाद, कमेटी के महासचिव ने शनिवार को कहा कि यह मामला सिर्फ सिखों से ही नहीं बल्कि देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने एएनआई को बताया कि उनका इरादा सिर्फ इसलिए फिल्म का विरोध करने का नहीं है क्योंकि इसमें कंगना रनौत हैं, बल्कि यह उनके तर्क पर आधारित है।
उन्होंने कहा, ‘‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि हम सिर्फ़ इसलिए फ़िल्म का विरोध नहीं करना चाहते क्योंकि इसमें कंगना रनौत हैं, हमारा रुख़ हमारे तर्क पर आधारित है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था और कुछ सदस्यों ने अपनी रिट याचिका दायर करने के लिए उच्च न्यायालय का भी दरवाज़ा खटखटाया था। हमें पता चला है कि कंगना की फ़िल्म को पास करने से रोक दिया गया है, लेकिन हमें 6 सितंबर को ही पता चलेगा,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि कंगना अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए बहुत कुछ करती हैं।
उन्होंने कहा, “उनका कहना है कि उन्हें बलात्कार और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के हथकंडे हैं। लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह फैसला किया है (फिल्म को पास न करने का), तो यह अच्छी बात है क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है। यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है।”
इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने बठिंडा में कंगना रनौत का पुतला फूंका।
इस बीच, फिल्म अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत के खिलाफ फिल्म ‘इमरजेंसी’ में ऐतिहासिक तथ्यों को कथित रूप से गलत तरीके से पेश करने और सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में शनिवार को चंडीगढ़ में आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग वाली एक याचिका दायर की गई।
यह मामला धारा 302, 299, 196 भाग एक, 197 भाग एक बीएनएस के तहत इलाका मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर किया गया है। मामले की अगली तारीख 17 सितंबर 2024 तय की गई है। (एएनआई)