कांगड़ा-चंबा के सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज ने नशा मुक्ति केंद्रों के नियमित निरीक्षण की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे आवश्यक मानकों को पूरा करते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे गैर-अनुपालन करने वाले संचालकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मेंटर स्वास्थ्य निदेशालय को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करें।
धर्मशाला में स्कूल शिक्षा बोर्ड के सभागार में आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में सांसद ने विभिन्न सरकारी विभागों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से टांडा मेडिकल कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य उत्कृष्टता केंद्र के निर्माण में तेजी लाने और सीटी स्कैन, एक्स-रे और एमआरआई जैसी नैदानिक सुविधाओं को बढ़ाने का आग्रह किया।
भारद्वाज ने चार लेन वाली सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता बनाए रखने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने परियोजना प्रबंधकों को यात्रियों को असुविधा का कारण बनने वाली खराब सड़कों की मरम्मत करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अधिकारियों को राजोल-थानपुर और गुम्मा-परौर राजमार्गों का मानचित्रण करने और नगरोटा-रानीताल राजमार्ग के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का निर्देश दिया। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चरण चार के लिए मानचित्रण भी उचित निगरानी के लिए उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
स्कूली पोषण के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए, सांसद ने स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में सुधार करने पर जोर दिया, जिससे पौष्टिक भोजन पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग से कांगड़ा जिले में लिंगानुपात में सुधार के बारे में जागरूकता बढ़ाने का आग्रह किया।
जन भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए भारद्वाज ने कहा कि सरकारी योजनाएं और कार्यक्रम तभी सफल हो सकते हैं जब स्थानीय प्रतिनिधियों और जनता की सक्रिय भागीदारी हो। उन्होंने विभिन्न योजनाओं का लाभ अधिकतम करने के लिए जागरूकता शिविरों में उन्हें आमंत्रित करने की सिफारिश की।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को जियो-टैगिंग के माध्यम से आवेदन करने की सलाह दी और अधिकारियों को फसल बीमा और कृषि योजनाओं का उचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिए पारंपरिक खेती के बजाय नकदी फसलों को बढ़ावा देने की भी वकालत की।
शासन में पारदर्शिता पर जोर देते हुए सांसद ने चेतावनी दी कि विकास परियोजनाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने विकास खंड अधिकारियों और स्थानीय निकायों के अधिशासी अधिकारियों को ईमानदारी से काम करने के निर्देश दिए।
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