केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने लोअर परेल स्थित पासपोर्ट सेवा केंद्र (पीएसके) में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के मामले में गुरुवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक जूनियर पासपोर्ट असिस्टेंट (सत्यापन अधिकारी) और एक निजी एजेंट शामिल हैं। दोनों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने और रिश्वत लेने का आरोप है।
सीबीआई के अनुसार, यह मामला 2023-2024 के दौरान सामने आया, जब पासपोर्ट सेवा केंद्र के कार्यालय सहायक और कुछ निजी एजेंटों ने मिलकर आपराधिक साजिश रची। इस साजिश के तहत उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कई लोगों को पासपोर्ट जारी किए। जांच में पता चला कि सात अज्ञात व्यक्तियों ने फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता विवरण और जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज जमा किए थे। ये सभी दस्तावेज जांच में जाली पाए गए। इसके अलावा, पासपोर्ट आवेदनों में दिए गए मोबाइल नंबर भी बंद या अमान्य पाए गए।
सीबीआई ने पाया कि तत्काल योजना के तहत जारी किए गए कई पासपोर्ट्स की पुलिस सत्यापन में गड़बड़ी थी। आवेदनों में दर्ज पते फर्जी थे और सत्यापन रिपोर्ट भी नकारात्मक आई।
सीबीआई के मुताबिक, जांच के दौरान आरोपी पासपोर्ट अधिकारी और एजेंट के बीच चैट से यह भी खुलासा हुआ कि उन्होंने फर्जी पासपोर्ट जारी करने के लिए रिश्वत ली थी। दोनों आरोपियों ने जांच में सहयोग नहीं किया और टालमटोल करते रहे, जिसके बाद सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों को मुंबई की विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 2 जून 2 तक पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। सीबीआई ने इस मामले में अन्य संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी है और जांच को आगे बढ़ा रही है।