मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) ने मुंबई मोनोरेल के आधुनिकीकरण और भविष्य के लिए इसे तैयार करने के उद्देश्य से 20 सितंबर से मोनोरेल सेवाओं को अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है। यह फैसला मोनोरेल सिस्टम को मजबूत, सुरक्षित और अधिक भरोसेमंद बनाने के लिए लिया गया है ताकि यात्रियों को बेहतर सेवा मिल सके।
मुंबई मोनोरेल में पहली बार स्वदेशी रूप से हैदराबाद में विकसित सीबीटीसी (संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण) सिग्नलिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। 5 इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग 32 स्थानों पर लगाए जा चुके हैं, जिसका परीक्षण जारी है। 260 वाई-फाई एक्सेस पॉइंट्स, 500 आरएफआईडी टैग्स, 90 ट्रेन डिटेक्शन सिस्टम और कई डब्ल्यूएटीसी यूनिट्स पहले ही स्थापित हो चुकी हैं। वे-साइड सिग्नलिंग का काम पूरा हो चुका है। अब एकीकृत परीक्षण की प्रक्रिया चल रही है।
एमएमआरडीए ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत ‘मेधा’ और ‘एसएमएच रेल’ के सहयोग से 10 नई अत्याधुनिक रेक खरीदी हैं, जिनमें 8 रेक पहले ही डिलीवर हो चुकी हैं। 9वीं रेक निरीक्षण के लिए तैयार है और 10वीं रेक अंतिम असेंबली में है।
वर्तमान में मोनोरेल सेवाएं रोजाना सुबह 6:15 बजे से रात 11:30 बजे तक चलती हैं। ऐसे में सिर्फ 3.5 घंटे रात में सिस्टम इंस्टॉलेशन और टेस्टिंग के लिए मिलते हैं। हर बार पॉवर रेल को बंद, डिस्चार्ज और फिर से चालू करना पड़ता है, जिससे काम की गति धीमी हो जाती है।
इस अस्थायी ब्लॉक में नए रेक और सिग्नलिंग सिस्टम का अविरल इंस्टॉलेशन और टेस्टिंग होगा। पुराने रेक का पूरा ओवरऑल और रेट्रोफिटमेंट किया जाएगा ताकि वे बिना किसी तकनीकी खराबी के फिर से सेवा में लौट सकें।
पिछले कुछ हफ्तों में तकनीकी समस्याओं के कारण सेवाओं में रुकावटें आई थीं। इसके समाधान के लिए एमएमआरडीए ने एक विशेष जांच समिति का गठन किया है और यह अस्थायी रोक उसी दिशा में एक ठोस कदम है।
अब, चेंबूर से संत गाडगे महाराज चौक के बीच की सभी मोनोरेल सेवाएं अगले आदेश तक बंद रहेंगी। यात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे अपनी यात्रा की योजना इस अनुसार बनाएं।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं एमएमआरडीए अध्यक्ष एकनाथ शिंदे ने कहा, “मोनोरेल का यह ब्लॉक मुंबई के परिवहन ढांचे को सशक्त करने की दिशा में एक अहम कदम है। नए रेक, उन्नत सिग्नलिंग और पुरानी ट्रेनों की मरम्मत से यात्रियों को सुरक्षित और भरोसेमंद सेवा मिलेगी।”
एमएमआरडीए के मेट्रोपॉलिटन कमिश्नर आईएएस डॉ. संजय मुखर्जी ने कहा, “यह अस्थायी ब्लॉक पूरी योजना के तहत लिया गया है। इससे मोनोरेल पहले से कहीं अधिक सक्षम, सुरक्षित और भविष्य के लिए तैयार होगी। हम नागरिकों के धैर्य की सराहना करते हैं और भरोसा दिलाते हैं कि जब मोनोरेल लौटेगी, तो और बेहतर सेवा लेकर लौटेगी।”
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