कुख्यात गैंगस्टर डीके राव को मुंबई क्राइम ब्रांच ने जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया है। डीके राव का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है। जबरन वसूली, डकैती जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल राव छोटा राजन का एक प्रमुख सहयोगी रहा है।
एंटी-एक्सटॉर्शन सेल क्राइम ब्रांच मुंबई को एक होटल व्यवसायी से शिकायत मिली थी कि गैंगस्टर डीके राव ने 6 लोगों के साथ मिलकर उनके होटल पर कब्जा करने की साजिश रची थी। इसके अलावा उसने ढाई करोड़ की रंगदारी मांगने के साथ जान से मारने की धमकी भी दी थी। मामले की जानकारी सामने आने के बाद मुंबई पुलिस ने जबरन वसूली, धोखाधड़ी और जालसाजी की बीएनएस धाराओं के तहत मामला दर्ज कर इन आरोपियों की तलाश शुरू की।
तलाश के दौरान मुंबई की क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली और पुलिस ने डीके राव समेत सभी सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल इस मामले में आगे की जांच जारी है। डीके राव को गुरुवार दोपहर 37वें मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया जाएगा। इससे पहले 2017 में डीके राव को रंगदारी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसे 2022 में बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
राव मुंबई में जबरन वसूली का पूरा रैकेट चलाता था। व्यापारियों से जबरन वसूली के आरोप में उसे कई बार गिरफ्तार किया गया। गैंगस्टर डीके राव कथित तौर पर दो बार पुलिस के हाथों से बच निकला।
जानकारी के मुताबिक डीके राव का पूरा नाम दिलीप मल्लेश वोरा है। मुंबई के माटुंगा की झुग्गियों में पला बढ़ा डीके धीरे-धीरे डकैती की दुनिया में आया और 90 के दशक में छोटा राजन का दाहिना हाथ बन गया।
इससे पहले मुंबई पुलिस ने राजन गिरोह के एक सदस्य को भी गिरफ्तार करने का दावा किया था। बताया था कि हत्या के प्रयास के एक मामले में 16 साल से फरार चल रहे छोटा राजन गिरोह के एक सदस्य को मुंबई के पूर्वी उपनगर से गिरफ्तार किया गया 62 वर्षीय विलास बलराम पवार उर्फ राजू को देवनार पुलिस थाने की एक टीम ने 2 जनवरी को चेंबूर इलाके से गिरफ्तार किया। पवार हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रहा है और उसके खिलाफ गंभीर मामलों में केस दर्ज हैं।