April 11, 2025
Haryana

नगर निगम ने कचरा संग्रहण वाहनों को जीपीएस तकनीक से जोड़ने का निर्देश दिया

Municipal Corporation directed to connect garbage collection vehicles with GPS technology

करनाल नगर निगम (केएमसी) आयुक्त डॉ. वैशाली शर्मा ने कचरा संग्रहण और परिवहन के लिए जिम्मेदार एजेंसी को निर्देश दिया है कि वे सभी कचरा वाहनों का एकीकृत कमांड एवं नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) के साथ पूर्ण एकीकरण सुनिश्चित करें।

ICCC करनाल स्मार्ट सिटी परियोजना का एक प्रमुख घटक है। इस पहल का उद्देश्य न केवल करनाल शहर में बल्कि असंध, नीलोखेड़ी, तरावड़ी और इंद्री की नगर पालिकाओं में भी कचरा प्रबंधन कार्यों में शामिल हर वाहन की वास्तविक समय पर निगरानी करना है।

डॉ. शर्मा ने कहा, “कचरा संग्रहण और परिवहन में शामिल प्रत्येक वाहन को जीपीएस सिस्टम से लैस किया जाना चाहिए और उनके निर्दिष्ट रूट प्लान, विशेष रूप से डोर-टू-डोर संग्रहण के लिए, आईसीसीसी सिस्टम के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि कार्यान्वयन में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बुधवार शाम को आयुक्त ने करनाल क्लस्टर के कचरा संग्रहण और परिवहन तथा प्रसंस्करण कार्यों की समीक्षा की। बैठक के दौरान, उन्होंने सफाई कार्य की दैनिक निगरानी के महत्व पर जोर दिया और चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए पूरे शहर में औचक निरीक्षण की संभावना का भी संकेत दिया।

डॉ. शर्मा ने एजेंसी प्रतिनिधियों को सफाई कर्मचारियों, खास तौर पर फील्ड कलेक्शन और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में शामिल कर्मचारियों के लिए सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “सभी कर्मचारियों को मास्क, दस्ताने, जूते और अग्नि सुरक्षा उपकरण से लैस होना चाहिए।”

इसके अलावा, आयुक्त ने निर्देश दिया कि नीलोखेड़ी नगर पालिका समिति से पूर्व-व्यावसायिक संचालन तिथि (प्री-सीओडी) कचरे को 15 दिनों के भीतर साफ किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नगरपालिकाओं में सभी लंबित विरासत कचरे को विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार 30 मई तक संसाधित किया जाना चाहिए।

उन्होंने असंध, नीलोखेड़ी, तरौड़ी और इंद्री नगरपालिका समितियों के सचिवों को निर्देश दिए कि वे सरकारी संस्थाओं द्वारा विरासती कचरे का मूल्यांकन करवाएं और बिना देरी किए प्रसंस्करण शुरू करें।

डॉ. शर्मा ने सभी डंपिंग स्थलों पर तौल-कांटे लगाने का आदेश दिया। उन्होंने कहा, “कचरे का वजन स्रोत पर दर्ज किया जाना चाहिए और फिर उसे करनाल के शेखपुरा सोहाना में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र में ले जाया जाना चाहिए।”

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