November 27, 2024
National

27 साल से पहचान छिपाकर ‘संत’ की तरह रहने वाला हत्‍यारोपी ऋषिकेश से गिरफ्तार

नई दिल्ली, 30 अप्रैल । दिल्ली पुलिस ने हत्‍या के एक मामले में 27 साल से फरार चल रहे 77 वर्षीय व्यक्ति को उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि वह अपनी पहचान छुपाने के लिए ‘संत’ के भेष में विभिन्न धार्मिक स्थानों पर शरण ले रहा था।

आरोपी की पहचान टिल्लू उर्फ रामदास के रूप में हुई है।

पुलिस के अनुसार, 4 फरवरी 1997 को तुगलकाबाद एक्सटेंशन में किशन लाल नाम के एक व्यक्ति की उसके बहनोई टिल्लू और रामू नामक व्यक्ति ने हत्या कर दी थी। 5 मई 1997 को टिल्लू और रामू दोनों को अपराधी घोषित कर दिया गया।

पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) अमित गोयल ने कहा कि एक पुलिस टीम को विभिन्न जघन्य मामलों के वांछित/फरार आरोपियों और पैरोल जंपर्स का पता लगाने का काम सौंपा गया था, जब हत्या के मामले में वांछित टिल्लू की पहचान की गई।

डीसीपी ने कहा, ”पुलिस टीम ने जानकारी को आगे बढ़ाया और परिवार के सदस्यों और करीबी रिश्तेदारों के मोबाइल नंबर जुटाए। गहन तकनीकी विश्लेषण के बाद एक मोबाइल नंबर पर खास ध्यान दिया गया, जो बार-बार अपनी लोकेशन बदल रहा था और उसका कोई स्थायी स्थान नहीं था। लोकेशन हिस्ट्री से यह पता चला कि मोबाइल नंबर के उपयोगकर्ता की लोकेशन ज्यादातर हरिद्वार और ऋषिकेश उत्तराखंड में धार्मिक स्थलों के पास थी।”

यह भी पता चला कि यह संदिग्ध व्यक्ति एक संत बन गया था और देशभर में मंदिरों में जाता था और विभिन्न धर्मशालाओं में रहता था।

डीसीपी ने कहा, ”2023 में उसकी लोकेशन कन्याकुमारी थी, लेकिन वहां से कुछ हाथ नहीं लगा। वह ओडिशा के जगन्नाथ पुरी चला गया था। हालांकि, उसकी एक लोकेशन उत्तराखंड के ऋषिकेश में पाई गई।

पुलिस टीम ने उसकी लास्ट लोकेशन ऋषिकेश, उत्तराखंड में फील्ड रेकी की और पास के मंदिरों में ‘भंडारा’ वितरक के रूप में काम किया।

डीसीपी ने कहा, “तीन दिनों तक लगातार स्वयंसेवक के रूप में काम करने के बाद टीम ने टिल्लू की पहचान की और उसे पकड़ लिया।”

पूछताछ में टिल्लू ने बताया कि पत्नी की मौत के बाद वह अपनी बेटी के साथ अपनी बहन के घर दिल्ली चला गया था।

डीसीपी ने कहा, ”1997 में रामू ने वित्तीय विवाद पर चर्चा करने के लिए किशन लाल को अपने घर बुलाया था। बातचीत के दौरान मामला इतना बढ़ गया कि किशन लाल ने उसे और रामू को परिणाम भुगतने की धमकी दी। इस पर वे उत्तेजित हो गए और आपस में झगड़ने लगे जिसमें किशन लाल की हत्या कर दी गयी। इसके बाद वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ मौके से भाग गया।”

Leave feedback about this

  • Service