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मुरथल शिक्षक संघ ने प्रशासन पर विश्वविद्यालय अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाया

Murthal Teachers Association accused the administration of violating the University Act

सोनीपत, 2 जुलाई दीनबंधु छोटू राम विश्वविद्यालय शिक्षण संघ (डीसीआरयूटीए) के सदस्यों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक 4 जुलाई को निर्धारित करके विश्वविद्यालय अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

डीसीआरयूटीए के सदस्यों ने कहा कि विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार पांच प्रोफेसर और डीन को कार्यकारी समिति का सदस्य होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में केवल दो प्रोफेसर ही इसके सदस्य हैं। सदस्यों ने सोमवार को कुलपति को ज्ञापन सौंपकर विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार अधिक डीन और प्रोफेसरों की नियुक्ति की मांग की।

डीसीआरयूटीए के अध्यक्ष सुरेन्द्र दहिया सहित अन्य सदस्यों ने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि विश्वविद्यालय की कार्यकारी समिति के समुचित गठन के बिना ही 4 जुलाई को कार्यकारी समिति की बैठक निर्धारित कर दी गई है।

दहिया ने बताया कि विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार, कार्यकारी समिति में चार पदेन सदस्य होंगे – अर्थात विश्वविद्यालय के कुलपति और हरियाणा सरकार के वित्त सचिव, तकनीकी शिक्षा सचिव और तकनीकी शिक्षा निदेशक। इनके अलावा, तीन संकायाध्यक्षों को कुलपति द्वारा रोटेशन और वरिष्ठता के आधार पर नामित किया जाएगा, साथ ही दो प्रोफेसर (संकायाध्यक्षों के अलावा) और छह अन्य (कुलपति द्वारा कुलपति और विधि अधिकारी की सिफारिश पर नामित) होंगे।

सदस्यों ने आरोप लगाया कि वर्तमान में परिषद में विश्वविद्यालय से केवल दो सदस्य हैं तथा डीन और प्रोफेसर के शेष तीन पद रिक्त हैं।

डीसीआरयूटीए ने मांग की कि विश्वविद्यालय अधिनियम द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार कार्यकारी परिषद के पुनर्गठन के बाद ही बैठक आयोजित की जाए।

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