ग्रामीण आर्थिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, वानिकी एवं बागवानी महाविद्यालय में पादप रोग विज्ञान विभाग हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में किसानों के बीच सीप और बटन मशरूम की खेती को बढ़ावा देकर बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में उभरा है। डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौनी (सोलन) की एक प्रमुख विस्तार इकाई, यह महाविद्यालय स्थानीय उत्पादकों को मशरूम स्पॉन, प्रशिक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन के साथ सक्रिय रूप से सहायता कर रहा है।
विभागाध्यक्ष डॉ. आरके मंडराडिया ने बताया कि कॉलेज ने चंबा जिले के विभिन्न हिस्सों में सफेद बटन मशरूम के 1,500 स्पॉन-रन कम्पोस्ट बैग और ऑयस्टर मशरूम के 4,000 से अधिक बैग की आपूर्ति की है। इसके अलावा, गुणवत्ता और उत्पादकता सुनिश्चित करने के लिए लगभग चार क्विंटल मशरूम स्पॉन तैयार करके स्थानीय उत्पादकों को वितरित किया गया है।
यह पहल अनुसूचित जाति उप-योजना के साथ भी जुड़ी हुई है, जिसके तहत आस-पास की ग्राम पंचायतों के 174 किसानों को मशरूम उत्पादन तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया है। इन किसानों को मशरूम