October 5, 2024
National

वाराणसी में मुस्लिम कारीगर बना रहे रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले

वाराणसी, 5 अक्टूबर । देशभर में जहां शारदीय नवरात्रि की धूम है, वहीं जगह-जगह रामलीला का मंचन भी किया जा रहा है। इसके अलावा दशहरा की तैयारियां भी तेज हो गई हैं। इस साल 12 अक्टूबर को विजयदशमी है। इस दौरान वाराणसी के बीएलडब्ल्‍यू ग्राउंड में 75 फीट के रावण के पुतले का दहन क‍िया जाएगा।

विजयदशमी पर्व को देखते हुए रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले तैयार किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि इन पुतलों को बनाने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। ये कई वर्षों से पुतले बनाने के काम में अपना योगदान दे रहे हैं।

कारीगर शमशाद खान ने शनिवार को आईएएनएस से कहा, हमारे मामा-नाना रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बनाते थे। जिस कार्य को हमारे पूर्वज छोड़ कर गए हैं, हमने उसे अपनाया है। क्योंकि, यह काम करने में हमें भी अच्छा लगता है। उन्होंने बताया कि रावण, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला बनाने में परिवार के 10 से 12 लोग शाम‍िल होते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार वाराणसी की जनता 75 फीट के रावण, 65 फीट के कुंभकरण, और 55 फीट ऊंचा मेघनाद का पुतला देखेगी।

उन्होंने कहा कि रामलीला समिति के लोग हमें ही हर बार तीनों पुतले बनाने के लिए कहते हैं। यहां हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच एकता है। हमारे मन में किसी धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं है।

पुतला बना रहे कारीगर सुबराती खान ने कहा कि वह अपने भाई के निर्देश पर यह कार्य 20 सालों से कर रहे हैं। यह कार्य करने में अच्छा लगता है। उन्होंने बताया कि डेढ़ माह से पुतलों को तैयार किया जा रहा है। काफी मेहनत का काम है, हल्की सी चूक की वजह से काम दोबारा शुरू करना होता है।

बता दें कि वाराणसी में रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले के दहन के दौरान लोगों की भारी भीड़ जुटती है।

Leave feedback about this

  • Service