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सड़कों पर नमाज न पढ़ें मुस्लिम, परिवार के साथ मुल्क में अमन के लिए करें दुआ : मौलाना राशिद फिरंगी महली

Muslims should not offer namaz on the streets, pray for peace in the country with their families: Maulana Rashid Firangi Mahali

लखनऊ, 28 मार्च । रमजान का आखिरी जुम्मा (शुक्रवार) 28 मार्च को पड़ रहा है। लखनऊ के मौलाना राशिद फिरंगी महली ने इस विषय पर गुरुवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात की। उन्होंने लोगों से सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ने की अपील की।

मौलाना राशिद फिरंगी ने कहा, “रमजान के आखिरी जुमे के दिन लोग बड़े पैमाने पर एहतमाम करते हैं। हमारे यहां लखनऊ ईदगाह में 12:45 मिनट पर नमाज है। लोग नमाज पढ़ने के लिए वक्त से पहले मस्जिद पहुंचें। वे सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ें, जिससे आने-जाने वालों को कोई दिक्कत या परेशानी न उठानी पड़े। अगर एक मस्जिद में जगह पूरी हो गई है, तो दूसरी मस्जिद में जाकर नमाज अदा करें। अपने और घरवालों के साथ-साथ मुल्क में अमन कायम हो, इसके लिए सभी दुआ करें। फिलिस्तीन में अमन कायम हो, इसके लिए भी दुआ करें।”

सड़क पर नमाज नहीं पढ़ने की कई जनप्रतिनिधियों के बयानों को लेकर फिरंगी ने कहा, “किसी भी राजनयिक का मजहबी मामलों में कोई दखल नहीं होना चाहिए। हमारे जैसे मजहबी लोगों की यही कोशिश रहती है कि मुल्क के कानून के दायरे में रहते हुए अपने पर्व और त्योहारों को मनाएं। ऐसे में हम सबकी यही कोशिश रहेगी कि ईदगाहों और मस्जिदों के अंदर ही नमाज अदा की जाए।”

नमाज पर संभल के सीओ अनुज चौधरी के बयान पर मौलाना ने कहा, “कौन, क्या बयान दे रहा है, यह हमारा विषय नहीं है। लेकिन अगर कोई गलत बयानबाजी कर रहा है, तो उनके ऊपर सीनियर नेता बैठे हुए हैं। उन्हें इसे देखना चाहिए।”

वक्फ संशोधन बिल को लेकर मौलाना ने कहा, “इस विषय पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जेपीसी के सामने अपनी तमाम दलीलों को रखा। लेकिन अफसोस की बात है कि इन ऑब्जेक्शन पर बदलाव नहीं किया गया। इसके बाद बोर्ड ने अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करते हुए धरना देने की अपील की। दिल्ली में बड़ा धरना दिया जाए, इसका एक ही मकसद है कि संसद हमारी आवाज सुनें और इस बिल को बिल्कुल कानूनी शक्ल न दी जाए।”

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