बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। इफ्तार पार्टी में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के साथ बिहार सरकार में मंत्री व एनडीए के सांसद शामिल हुए। नीतीश कुमार ने इफ्तार पार्टी में आए मेहमानों का स्वागत किया। हालांकि, नीतीश की इस पार्टी से कुछ मुस्लिम संगठनों ने दूरी भी बनाई। इसे लेकर इफ्तार पार्टी में आए मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों के साथ न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने बातचीत की।
पार्टी में शामिल होने आए शख्स ने कहा, मुस्लिम संगठनों को इफ्तार पार्टी का विरोध नहीं करना चाहिए। रमजान का पाक महीना चल रहा है। नीतीश कुमार ने इफ्तार पार्टी का आयोजन किया है। वह वर्षों से इस तरह का आयोजन कर रहे हैं। जो लोग विरोध जता रहे हैं, वे अपने घर में झांके। नीतीश कुमार ने सभी वर्ग के लोगों के लिए काम किया है। बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार बन रही है। एनडीए 225 प्लस सीट जीतने वाली है।
एक मुस्लिम महिला ने बताया कि देखिए, विरोध उन लोगों के खिलाफ भी होना चाहिए, जिन्होंने वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया है। वक्फ संपत्तियों को बेचा और कब्जाया जा रहा है, इसलिए ऐसे वर्चस्व का भी बहिष्कार किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा अल्पसंख्यकों का समर्थन किया है और देश और राज्य उनके योगदान को जानते हैं। उनके नेतृत्व में हम सभी खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं।
एक अन्य शख्स ने कहा कि मैं यहां पर नीतीश कुमार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी में हिस्सा लेने के लिए आया हूं।
बता दें कि नीतीश कुमार 20 वर्षों से लगातार इफ्तार पार्टी का आयोजन कर रहे हैं। लेकिन, इस बार आरजेडी की ओर से दावा किया जा रहा है कि कुछ मुस्लिम संगठनों ने इफ्तार पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया है। दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने वक्फ संशोधन बिल का विरोध नहीं किया, इसलिए कुछ मुस्लिम संगठन उनसे नाराज हैं।
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