हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने आज धर्मशाला में कहा कि उनके राज्य सरकार के साथ मधुर संबंध हैं। पत्रकारों द्वारा राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी द्वारा किन्नौर के लोगों को नौतोड़ अधिकार के तहत भूमि आवंटित करने के बिल को रोकने के उनके कार्यालय पर लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर राज्यपाल ने कहा कि उनका कार्यालय कुछ नियमों और विनियमों के तहत काम करता है, जिनका पालन किया जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘हालांकि, मेरे कार्यालय के राज्य सरकार के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं।’’
आदिवासी क्षेत्रों में नौतोड़ अधिकार आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के अधिकार थे, जिनके पास 20 बीघा से कम ज़मीन होने पर उन्हें सरकारी या आम ज़मीन आवंटित की जाती थी। आदिवासी लोगों को ज़मीन मुहैया कराने के लिए अधिकार दिए गए थे, जिस पर वे अपना जीवन यापन कर सकें। 1980 के दशक में जब राज्य में आम ज़मीनों को वन भूमि के रूप में वर्गीकृत किया गया, तब आदिवासी लोगों के अधिकार समाप्त हो गए।
किन्नौर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा था कि किन्नौर जिले के निवासियों को नौतोड़ अधिकारों के तहत भूमि आवंटित करने के लिए वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा लाए गए विधेयक को मंजूरी देने में कथित देरी के कारण लोग राज्यपाल के घर तक मार्च करने के लिए मजबूर होंगे।
राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएचपी) के उत्तरी परिसर के निर्माण में देरी के बारे में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वे इस मामले को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही सीयूएचपी के लिए 250 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं, जिससे देहरा परिसर का निर्माण किया जा रहा है। धर्मशाला में उत्तरी परिसर के लिए 250 करोड़ रुपये जारी किए जाने बाकी हैं। उन्होंने कहा, “मैं इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाऊंगा, ताकि सीयूएचपी का उत्तरी परिसर बन सके।”
उत्तरी परिसर धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के जदरांगल क्षेत्र में बनाया जाना है। कांगड़ा जिला प्रशासन ने सीयूएचपी के उत्तरी परिसर के निर्माण के लिए जदरांगल में वन भूमि हस्तांतरित करने के लिए वन विभाग के पास 30 करोड़ रुपये जमा करने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है।
देहरा में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का दक्षिणी परिसर इस साल बनकर तैयार हो जाने की संभावना है। कुलपति सत प्रकाश बंसल ने कहा कि इस साल नए परिसर में कुछ कक्षाएं शुरू हो सकती हैं।
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