मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस में भाग लेते हुए कहा कि उनकी सरकार के अगले तीन सालों में भाजपा के खिलाफ युद्ध छेड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, “भाजपा ने लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की। हमारे सामने चुनौतियां बहुत बड़ी थीं, लेकिन हमने उनका मुकाबला युद्ध की तरह किया। आने वाले सालों में हम आपके खिलाफ युद्ध छेड़ेंगे।” जब मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार के दौरान हिमकेयर योजना से जुड़े कुछ आंकड़े दिए तो भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से चले गए।
सुखू ने कहा कि उनकी सरकार सुशासन और पारदर्शिता के लिए खड़ी है। उन्होंने कहा, “हम दो साल से ज़्यादा समय से सत्ता में हैं, लेकिन कोई भी उनकी सरकार के किसी भी सदस्य पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा सका।”
सुखू ने भाजपा पर उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए लगातार अभियान चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया, “जब से हमने उपचुनाव जीते हैं और फिर से हमारे पास 40 विधायक हैं, भाजपा ने मेरी प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए मेरे खिलाफ लक्षित अभियान शुरू कर दिया है। इसके सोशल मीडिया विंग लगातार मुझे निशाना बना रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर सत्ता में रहने के दौरान युवाओं के प्रति असंवेदनशील होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कोविड के दौरान चिट्टा राज्य में आया, लेकिन भाजपा ने इसे नियंत्रित करने के लिए पीआईटी एनडीपीएस अधिनियम लागू नहीं किया। हमने युवाओं को नशे से बचाने के लिए 2023 में अधिनियम लागू किया। हमने मादक पदार्थों की तस्करी से अर्जित 300 संपत्तियों की पहचान की है और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।” मंदिरों से पैसे निकालने के मामले में, भाजपा ने नियमों में संशोधन करके मंदिर की आय का 15 प्रतिशत गौशालाओं के लिए दिया। उन्होंने कहा कि सीएम रिलीफ फंड में भी पैसा दिया गया। उन्होंने दावा किया, “मंदिर आस-पास के इलाकों में विकास के लिए पैसे देते रहे हैं, इसलिए इस पर कोई शोर-शराबा नहीं होना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार से राज्य को मिलने वाली वित्तीय सहायता में काफी कमी आई है, लेकिन उनकी सरकार इससे भी लड़ेगी।
इस बीच विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार राज्य के लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा, “सरकार झूठ फैला रही है और सही जानकारी नहीं दे रही है।” इससे पहले दिन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच कई बार तीखी नोकझोंक हुई।
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