राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) चालू वित्त वर्ष के दौरान ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश में 713 करोड़ रुपये की 73 विकास परियोजनाएं चला रहा है।
इसके अंतर्गत 311 करोड़ रुपये की दो मुख्य परियोजनाओं में 11 जिलों में 53 इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए 111 करोड़ रुपये की परियोजना शामिल है, जिसमें कांगड़ा जिले में 11 चार्जिंग स्टेशनों के लिए 26.57 करोड़ रुपये और धर्मशाला के धगवार में अत्याधुनिक स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने के लिए 200 करोड़ रुपये शामिल हैं।
1.5 लाख लीटर प्रतिदिन (जिसे 3 लाख लीटर तक बढ़ाया जा सकता है) की प्रारंभिक प्रसंस्करण क्षमता वाले इस दुग्ध संयंत्र से क्षेत्र के डेयरी क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलने तथा पर्याप्त रोजगार अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
यह जानकारी हिमाचल प्रदेश के नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. विवेक पठानिया ने बुधवार को धर्मशाला में ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने के उद्देश्य से नाबार्ड के प्रमुख कार्यक्रम आरआईडीएफ पर आयोजित एक क्षेत्रीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए दी।
कांगड़ा और चंबा ज़िलों में चल रही परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए, डॉ. पठानिया ने कहा कि नाबार्ड का ध्यान महत्वपूर्ण ग्रामीण बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए राज्य सरकारों को कम लागत वाली वित्तीय सहायता प्रदान करने पर है। उन्होंने कार्यान्वयन एजेंसियों से आग्रह किया कि वे समय पर धनराशि का वितरण और परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के लिए व्यय दावों की प्रस्तुति में तेज़ी लाएँ।