पंजाब राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, एसएएस नगर के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति अरुण पल्ली के निर्देशों के तहत आज जिला न्यायालय परिसर, गुरदासपुर और उप-मंडल, बटाला में राष्ट्रीय लोक अदालत का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। श्री राजिंदर अग्रवाल, उप जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गुरदासपुर के मार्गदर्शन में, इस कार्यक्रम का समन्वयन सुश्री रमनीत कौर, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गुरदासपुर द्वारा किया गया।
इस लोक अदालत के दौरान आपराधिक समझौता योग्य मामले, परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत मामले, बैंक वसूली मामले, एमएसीटी मामले, वैवाहिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली और पानी बिल मामले, सेवा मामले, राजस्व मामले और अन्य सिविल विवाद सहित विभिन्न मामलों को समाधान के लिए लिया गया।
इसके अतिरिक्त, बैंक वसूली, श्रम विवाद और अन्य सिविल मामलों सहित मुकदमे-पूर्व मामलों पर भी विचार किया गया। मामलों को निपटाने के लिए कुल 14 पीठों का गठन किया गया। प्रस्तुत 17,690 मामलों में से 16,518 का सफलतापूर्वक समाधान किया गया, जिसके परिणामस्वरूप ₹138,38,28,873 के पुरस्कार पारित किए गए।
राजिन्दर अग्रवाल ने राष्ट्रीय लोक अदालत के लाभों पर जोर दिया तथा विवादों का शीघ्र एवं सौहार्दपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि लोक अदालतों द्वारा पारित निर्णयों को सिविल न्यायालय के आदेश के समान दर्जा प्राप्त है, जिसमें अपील का कोई प्रावधान नहीं है, तथा वादियों को न्यायालय शुल्क की पूरी वापसी का लाभ भी मिलता है।
उन्होंने वादियों को अपने मामले के पीठासीन अधिकारी से अनुरोध करके लोक अदालत के माध्यम से निपटान का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित किया, या मुकदमे-पूर्व मामलों में सिविल जज (वरिष्ठ डिवीजन)-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क किया।
इसके अतिरिक्त इस अवसर पर रमनीत कौर द्वारा केंद्रीय जेल गुरदासपुर में कैंप कोर्ट का आयोजन किया गया, जिसमें छोटे-मोटे अपराधों से संबंधित मामलों का निपटारा किया गया तथा दोषियों को परामर्श दिया गया तथा भविष्य में गैर-कानूनी गतिविधियों से दूर रहने की हिदायत दी गई।
राष्ट्रीय लोक अदालत लंबित मामलों को कम करने तथा न्यायिक प्रणाली में वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
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