सोलन, 7 मार्च
डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के छात्रों ने आज परिसर में गंदे पानी की बोतलें लेकर विरोध मार्च निकाला, उनका दावा है कि इससे पीलिया फैला है।
उन्होंने अपनी कक्षाओं का बहिष्कार किया और धरने पर बैठ गए। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनकी समस्याओं के तत्काल समाधान की मांग की। छात्रों ने दावा किया कि गंदे पानी का सेवन करने के बाद कई छात्र बीमार पड़ गए और पीलिया जैसी बीमारियों से पीड़ित हो गए, लेकिन इस मुद्दे को हल करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया।
छात्रों का आरोप है कि पीलिया होने के बाद 3 मार्च को गंदा पानी पीने से एक छात्रा की मौत हो गई थी। पिछले दो माह में पीलिया के 26 मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी से अब तक सात मामले सामने आ चुके हैं।
छात्र कल्याण अधिकारी डॉ राजेश भल्ला और डीन जैसे वरिष्ठ संकाय सदस्यों ने उनकी चिंता को दूर करने की कोशिश की लेकिन छात्र अपने रुख पर अड़े रहे।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि साफ पानी के लिए सभी छात्रावासों में एक्वागार्ड वाटर प्यूरिफायर लगाए गए हैं। इनका समुचित रख-रखाव किया जा रहा था। साथ ही सभी पानी की टंकियों की नियमित सफाई की जा रही है।
छात्रों ने बंदरों के संपर्क में आने वाले पानी के टैंकों के मुद्दे पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, यह टैंक के पानी को प्रदूषित कर रहा था।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि परफोरेटेड अपेंडिक्स से पीड़ित एक छात्रा की तीन मार्च को दिल्ली में मौत हो गई थी. दो जनवरी को कैंपस में रहने के दौरान उसे बुखार हो गया था।
प्रवक्ता ने कहा कि 25 जनवरी को उसकी हालत बिगड़ी जिसके बाद उसका अल्ट्रासाउंड कराया गया। उसने 27 जनवरी को अपने खराब स्वास्थ्य के कारण परीक्षा स्थगित करने की मांग की थी। प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी चिकित्सा विशेषज्ञ ने पीलिया के कारण मौत को जिम्मेदार नहीं ठहराया है।
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