January 20, 2025
National

एनसीपी ने बदलापुर मामले में एनकाउंटर पर उठाए सवाल

NCP raised questions on encounter in Badlapur case

मुंबई, 26 सितंबर । महाराष्ट्र के बदलापुर में दुष्कर्म के आरोपी अक्षय शिंदे के एनकाउंटर में मारे जाने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृज मोहन श्रीवास्तव ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं।

बृज मोहन ने कहा कि बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के बलात्कार का आरोपी, जो पुलिस अभिरक्षा में था, उसकी पुलिस वैन में गोली लगने से मृत्यु हो जाती है। इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय ने मुंबई पुलिस के बयान का संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने सीआईडी को इस मामले की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस की तरफ से कोई चूक हुई है, तो जांच के माध्यम से सामने आ सके। मेरे हिसाब से पुलिस अभिरक्षा में किसी अपराधी के साथ ऐसा होना बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। हाईकोर्ट द्वारा इस मामले को संज्ञान में लेने से इसकी गंभीरता और भी बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा कि पुलिस हमेशा सतर्क रहती है कि पुलिस अभिरक्षा में ऐसी घटना नहीं हो, ज‍िससे उस पर सवाल उठे। इस मामले में पुलिस ने कहा है कि उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई।

बता दें कि अक्षय शिंदे को पुलिस ने दो बच्चियों से यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस घटना के प्रकाश में आने के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन और पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ रोष जाहिर कर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। प्रदर्शनकारियों ने स्कूल में पथराव और रेल रोको आंदोलन भी शुरू किया था।

आरोपी अक्षय शिंदे के बारे में बताया जाता है कि उसकी दो शादियां हो चुकी थी। पहली पत्नी ने उसे छोड़ दिया था। पहली पत्नी के छोड़े जाने के बाद उसने चार महीने के बाद दूसरी शादी कर ली थी। इस बीच, 16 अगस्त को दो बच्चियों से यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद अक्षय शिंदे का नाम प्रकाश में आया। इसके बाद पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के तहत उसे गिरफ्तार किया था।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “पुलिस को तो किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए विधिवत रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर आरोपी के सिर पर गोली कैसे लगी? पुलिस को तो बाकायदा ट्रेनिंग में यह सिखाया जाता है कि आरोपी के किस अंग पर गोली चलानी है। ऐसी स्थिति में पुलिस को आरोपी के पैर या हाथ पर गोली चलानी चाहिए थी।”

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