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शेल्टर होम में एक महीने में 14 मौतों पर एनसीपीसीआर ने दिल्ली सीएस से मांगी रिपोर्ट

NCPCR seeks report from Delhi CS on 14 deaths in shelter homes in a month

नई दिल्ली, 2 अगस्त । राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने शुक्रवार को मानसिक विकलांग व्यक्तियों के लिए दिल्ली सरकार द्वारा रोहिणी में संचालित आश्रय गृह आशा किरण में एक महीने में 14 बच्चों की मौत के संबंध में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार से रिपोर्ट मांगी है।

मुख्य सचिव को लिखे पत्र में, एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि आयोग को आशा किरण में मौतों की के संबंध में एक समाचार रिपोर्ट मिली है, जो दिल्ली सरकार के तहत समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित है।

एनसीपीसीआर अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा, “स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, 48 घंटे के भीतर मामले पर तथ्य रिपोर्ट भेजने का अनुरोध किया गया है।”

आयोग ने कई दस्तावेज मांगे हैं, इनमें मृत बच्चे के बारे में विवरण, चिकित्सा और पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफआईआर की प्रतियां, मामले की स्थिति अपडेट और वर्तमान में वहां रह रहे लोगों की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों की जानकारी शामिल है।

सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की जांच से पता चला है कि जुलाई में आशा किरण में 14 लोगों की मौत हो गई। जनवरी के बाद से, यहां 27 मौतें हुई हैं।

प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि मृतकों में से एक 14 से 15 वर्ष की आयु का एक नाबालिग था, जबकि शेष 13 से 20 वर्ष से आयु के थे। इनमें से 13 मौतें 15 से 31 जुलाई के बीच हुईं। 1 से 15 जुलाई के बीच एक मौत की सूचना दी गई।

इन मौतों के कारण स्पष्ट नहीं हैं, एसडीएम ने कहा कि इस साल मौतों की संख्या पिछले साल की तुलना में काफी अधिक हैं। एसडीएम की रिपोर्ट में वहां उपलब्ध कराए जाने वाले पीने के पानी की गुणवत्ता पर भी चिंता जताई गई है।

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने आश्रय गृह में एक तथ्य-खोज टीम भेजी और कथित लापरवाही के लिए आप सरकार की आलोचना की।

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