नई दिल्ली, 18 दिसंबर । केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से मंगलवार को लोकसभा में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को पेश किया गया। इसके पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े। सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस के बाद इस विधेयक पर व्यापक चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा जाएगा।
‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसदों ने इस विधेयक की तारीफ की और देश की तरक्की के लिए महत्वपूर्ण बताया।
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “यह विस्तृत विषय है और पूरे देश से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस पर गहन चर्चा होनी जरूरी है। पीएम मोदी खुद चाहते थे, इसको लेकर सभी पार्टियों को अपनी मत रखने का मौका मिले और जेपीसी में जाए। इसी के आधार पर इसको आज जेपीसी के लिए बोला गया है।”
विपक्ष द्वारा इसको संघीय ढांचे पर हमला बताने को लेकर पासवान ने कहा, “विपक्ष सिर्फ गलत नैरेटिव सेट करने की कोशिश करता है, उनकी खूबी है कि एक झूठ को इतनी बार बोली जाए कि वो सच साबित होने लगे। लोकसभा चुनाव में संविधान खत्म और आरक्षण खत्म होने की बात वो तोते की तरह रटते थे। लेकिन कौन सा आरक्षण छीना गया।”
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताया। पीएम मोदी का अभिनंदन करते हुए उन्होंने कहा, “यह विषय पिछले 20-25 साल से रुका हुआ था। नीति आयोग, चुनाव आयोग और कई राजनीतिक लोगों को इसको लेकर आग्रह था कि राजनीतिक स्थिरता के लिए यहां पर एक साथ चुनाव होना चाहिए। विपक्ष का विरोध बेबुनियाद है। जेपीसी से पारित होने के बाद दो-तिहाई वोटिंग की आवश्यकता होगी, जिसको हम करके दिखाएंगे।”
राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) नेता मलूक नागर ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल की तारीफ करते हुए कहा, “इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। देश में पांच साल कहीं ना कहीं चुनाव होते रहते हैं, इससे लोगों की कमाई, छात्रों की पढ़ाई और राज्यों का विकास प्रभावित होता है। बार-बार चुनाव होना देश की तरक्की को नुकसान पहुंचाता है। एक बार में ही चुनाव होगा, तो देश तरक्की करेगा, दुनिया में लीडरशिप की तरफ बढ़ेगा।”
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