March 31, 2025
Himachal

बाहरी एजेंसियों से राज्य के हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की जरूरत

Need to go to Supreme Court to protect the interests of the state from external agencies

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज कहा कि उन क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश और यहां के लोगों के हितों की रक्षा के लिए एक तंत्र विकसित किया जाना चाहिए जहां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) जैसी बाहरी एजेंसियां ​​काम कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिमाचल प्रदेश को विभिन्न कार्यों के लिए बाहरी एजेंसियों से अनुमति लेनी पड़ रही है। उन्होंने विधानसभा में ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि एनएचएआई द्वारा सड़कों को चार लेन चौड़ा करने के लिए किए जा रहे कार्य के कारण लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है तथा उनके घरों तक पहुंच अवरुद्ध हो रही है।

उन्होंने कहा, “मेरा दृढ़ मत है कि एक ऐसी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि एनएचएआई या कोई अन्य बाहरी एजेंसी जब परियोजनाएं चला रही हो तो स्थानीय लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े। मैं इस मामले को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष उठाऊंगा और अगर हमें इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट भी जाना पड़े तो हमें ऐसा करना चाहिए।”

विक्रमादित्य ने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) जैसी एजेंसियों के पास हिमाचल में सबसे ज़्यादा ज़मीन है। उन्होंने कहा, “इससे पहले, शिमला-कालका और कीरतपुर-मंडी-मनाली सड़कों को चार लेन तक चौड़ा करने का काम चल रहा था, तब स्थानीय लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ा था।” उन्होंने दावा किया कि एनएचएआई ने 14 सड़कों को नुकसान पहुंचाया है, जिसके लिए उन्होंने उससे मुआवज़ा मांगा है।

मंत्री ने कहा कि सरकार को छोटी-छोटी चीजों के लिए भी हिमाचल में काम करने वाली बाहरी एजेंसियों से अनुमति लेनी पड़ती है। उन्होंने कहा, “मुझे दुख होता है कि जब राज्य हमारा है, पानी, जमीन और संसाधन हमारे हैं, तो हमें इन एजेंसियों से अनुमति क्यों लेनी पड़ती है, जबकि हमारे लोग असुविधा का सामना कर रहे हैं।”

उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि वे इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने कहा, “संबंधित उपायुक्तों को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए ताकि जनता को असुविधा का सामना न करना पड़े।”

ज्वालामुखी विधायक ने कहा, “एनएचएआई को लोगों तक पहुंच प्रदान करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए क्योंकि कोई सर्विस लेन नहीं है और ग्रामीणों को आवागमन में कठिनाई हो रही है। मेरे निर्वाचन क्षेत्र के देहरायना पंचायत में एनएचएआई द्वारा शिमला-मटौर फोर-लेन सड़क पर किए जा रहे काम के कारण एम्बुलेंस नहीं चल सकती हैं और लोगों के पास अपने घरों तक चलने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है।”

एनएचएआई ने सड़कों को ‘क्षतिग्रस्त’ किया मुझे दुख है कि जब राज्य हमारा है, पानी, जमीन और संसाधन हमारे हैं, तो हमें बाहरी एजेंसियों से अनुमति क्यों लेनी पड़ती है। एनएचएआई ने 14 सड़कों को नुकसान पहुंचाया है, जिसके लिए हमने उससे मुआवज़ा मांगा है।

Leave feedback about this

  • Service