कोलकाता, 4 फरवरी । पश्चिम बंगाल में रविवार को एक ताजा राजनीतिक घमासान शुरू हो गया। तृणमूल कांग्रेस ने राज्य सरकार द्वारा विभिन्न केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत निधि उपयोग से संबंधित ‘यूटलाइजेशन सर्टिफिकेट’ जमा न करने के संबंध में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के निष्कर्षों पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
इससे पहले पार्टी ने आरोप लगाया था कि सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां उसे निशाना बना रही हैं।
विपक्ष ने सत्तारूढ़ दल के आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया है कि जब भी कोई संस्थान राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी और राज्य सरकार से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा करने की दिशा में आगे बढ़ता है, तो तृणमूल कांग्रेस उसकी ईमानदारी पर सवाल उठाना शुरू कर देती है।
सत्तारूढ़ दल ने आरोप लगाया है कि ईडी और सीबीआई तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को चुनिंदा तरीके से निशाना बनाकर भाजपा के इशारे पर काम कर रही है। उसने दावा किया है कि कैग टीएमसी के खिलाफ नकारात्मक राजनीतिक पटकथा के लिए दस्तावेज तैयार करने में भूमिका निभा रही है।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने रविवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों को उपयोगिता प्रमाणपत्र भेज रही है।
घोष ने कहा, “उसके बाद भी कैग कुछ टिप्पणियां कर रहा है, जिसका उपयोग विपक्ष द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ नकारात्मक कहानी बनाने में किया जा रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में कैग नकारात्मक राजनीतिक आख्यान के लिए दस्तावेज़ तैयार करने के ऐसे प्रयासों से परहेज करेगा।”
राज्य भाजपा अध्यक्ष और पार्टी के लोकसभा सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी नेतृत्व कैग अधिकारियों पर अनावश्यक रूप से दोषारोपण करके लोगों को धोखा देने की कोशिश कर रहा है।
मजूमदार ने कहा, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने दावा किया है कि कैग की रिपोर्ट में जिन अनियमितताओं के लिए वर्तमान तृणमूल कांग्रेस शासन को जिम्मेदार ठहराया गया है वे पिछले वाम मोर्चा शासन के दौरान हुई थीं। लेकिन वास्तविकता यह है कि कैग की रिपोर्ट 2020-21 तक के आंकड़ों को दर्शाती है और वाम मोर्चा शासन उसके 10 साल पहले ही समाप्त हो गया। वाम मोर्चा शासन की समाप्ति के बाद की अवधि के दौरान अनियमितताओं के बारे में तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व क्या कहेगा?”