हरियाणा के उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय (सीडीएलयू), सिरसा के कुलपति विनीत गर्ग के नेतृत्व में सोमवार को संकाय डीन एवं निदेशकों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। पूर्व कुलपति प्रोफेसर अजमेर मलिक से कार्यभार संभालने के बाद यह उनका विश्वविद्यालय का पहला दौरा था। प्रोफेसर मलिक ने 30 नवंबर 2024 को इस्तीफा दे दिया था। एक महीने पहले ही कार्यभार संभालने वाले गर्ग ने विश्वविद्यालय के विकास एवं बेहतरी पर विशेष ध्यान दिया।
बैठक में गर्ग ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों, खासकर कॉलेजों की क्षमता में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए इन संस्थानों को मजबूत करना आवश्यक है। गर्ग ने इस बात पर जोर दिया कि सीडीएलयू और इससे जुड़े कॉलेजों को एनईपी के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सशक्त बनाया जाना चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि छात्र भविष्य के लिए अच्छी तरह से तैयार हों।
गर्ग ने विश्वविद्यालय में चल रहे पाठ्यक्रमों, उपलब्ध बुनियादी ढांचे और छात्रों के लाभ के लिए इन संसाधनों का बेहतर उपयोग कैसे किया जा सकता है, इसकी विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने संकाय सदस्यों को उद्योग की मांगों के साथ पाठ्यक्रम को संरेखित करने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि छात्र नौकरी के लिए तैयार हों। उन्होंने बड़े समाज की सेवा के लिए सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रमों को बढ़ाने का भी आह्वान किया।
कुलपति ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के लिए नए प्रशिक्षण और प्लेसमेंट ब्रोशर का भी विमोचन किया। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. राजेश कुमार बंसल ने गर्ग को विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
बैठक में डीन और निदेशकों ने छात्रों के भविष्य को आकार देने में विश्वविद्यालय की भूमिका को और बेहतर बनाने पर अपने विचार साझा किए।
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