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एनआईए ने मणिपुर में दो अलग-अलग हत्या की घटनाओं में शामिल तीन आतंकवादियों को किया गिरफ्तार

NIA arrests three terrorists involved in two separate murder incidents in Manipur

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले साल नवंबर में मणिपुर के जिरीबाम जिले में सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा एक महिला की नृशंस हत्या और घरों को जलाने तथा लूटने में शामिल होने के आरोप में प्रतिबंधित उग्रवादी समूहों से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

एनआईए सूत्रों ने बताया कि आरोपी नोंगथोम्बम मीराबा, जो बिष्णुपुर जिले का रहने वाला है और प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन – यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) से संबंधित है, वह महिला की गोली मारकर हत्या करने में शामिल था, जिसकी पहचान जोसंगकिम के रूप में हुई है।

दूसरे आरोपी की पहचान थौबल जिले के सगोलसेम सनातोम्बा उर्फ ​​सुरचंद्र सिंह उर्फ ​​पिबा के रूप में हुई, जो मणिपुर के एक अन्य विद्रोही संगठन कांगलेई यावोल कन्ना लूप (केवाईकेएल) का सदस्य था और जैरॉन गांव में हुए नरसंहार में शामिल टीम का हिस्सा था।

इस मामले में दोनों आरोपी 17 मई तक एनआईए की हिरासत में हैं और जांच जारी है।

एक अन्य घटना में, एनआईए ने 2023 में मणिपुर में हुए जातीय संघर्ष से संबंधित अपहरण और हत्या के एक मामले में उग्रवादी संगठन – कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी-पीपुल्स वार ग्रुप (केसीपी-पीडब्ल्यूजी) गुट के एक कैडर को गिरफ्तार किया है।

केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, केसीपी-पीडब्ल्यूजी के उग्रवादी की पहचान वैखोम रोहित सिंह के रूप में हुई है, जो थौबल जिले के थौबल पखांगखोंग लीराक का निवासी है। उसे एनआईए की एक टीम ने अपराध की साजिश और उसे अंजाम देने में शामिल होने के आरोप में हिरासत में लिया है।

एनआईए के साथ अपनी रिमांड पूरी करने के बाद वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। नवंबर 2023 में इंफाल पश्चिम जिले के कांगचुप चिंगखोंग इलाके में ‘नाका ड्यूटी’ पर तैनात सीआरपीएफ की एक टीम ने एक बोलेरो वाहन को हिरासत में लिया था। वाहन में पूर्वोत्तर राज्य में जातीय संघर्ष में शामिल दो मुख्य समुदायों में से एक के पांच लोग सवार पाए गए थे।

इसके बाद प्रतिद्वंद्वी समुदाय के गुस्साए लोगों की एक बड़ी भीड़ वहां एकत्र हो गई और चार व्यक्तियों को जबरन उठा ले गई, जबकि एक भागने में सफल रहा। चार पीड़ितों में से तीन के शव बाद में बरामद किए गए। गृह मंत्रालय के निर्देश पर फरवरी 2024 में मामले को अपने हाथ में लेने वाली एनआईए जांच जारी रखे हुए है।

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