नई दिल्ली, 9 अगस्त । राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस साल फरवरी में कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और उसके सहयोगी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) द्वारा दो गैर-स्थानीय नागरिकों की हत्या के लिए एक पाक-आधारित आतंकवादी सहित चार लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।
आरोपियों आदिल मंजूर लंगू, अहरान रसूल डार उर्फ तोता, दाऊद और उनके पाकिस्तान स्थित हैंडलर जहांगीर उर्फ पीर साहब पर आईपीसी और यूए (पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप-पत्र दाखिल किया गया है।
एनआईए की विशेष अदालत जम्मू ने पहले ही फरार आरोपी जहांगीर के खिलाफ ओपन-एंडेड गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है।
चारों आरोपी 7 फरवरी, 2024 की शाम को श्रीनगर के शाला कदल के करफली मोहल्ला में दो नागरिकों की नृशंस हत्या में शामिल थे। एनआईए ने इस साल जून में मामला अपने हाथ में लिया और फिर से मामला दर्ज किया।
एनआईए की जांच से पता चला है कि 2023 में लश्कर में शामिल होने वाले आदिल मंजूर लंगू को पाकिस्तानी आकाओं ने श्रीनगर, कश्मीर में आतंकी संगठन की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया था।
वह कश्मीर घाटी में पहले भी हुए आतंकी हमलों में शामिल रहा है। वह अपने करीबी सहयोगियों अहरान रसूल डार और दाऊद के साथ मिलकर जहांगीर के निर्देशों पर काम कर रहा था, जिसने उन्हें भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से गैर-स्थानीय लोगों में भय और आतंक फैलाने के लिए श्रीनगर क्षेत्र में जिहाद शुरू करने के लिए प्रेरित किया था।
तीनों ने अपने हैंडलर जहांगीर के साथ मिलकर श्रीनगर के शाला कदल में निर्दोष लोगों की हत्या की साजिश रची थी। जहांगीर के निर्देश पर आदिल और अहरान को हथियार और गोला-बारूद मिले थे, जिनका इस्तेमाल बाद में आदिल ने अपराध करने के लिए किया। दाऊद ने अपराध के सबूत मिटाने में आदिल की मदद की थी।
एनआईए कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठनों पर नकेल कस रही है। क्षेत्र का सबसे बड़ा आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद से अपने अभियानों को अंजाम देने के लिए विभिन्न शाखाओं के माध्यम से काम कर रहा है।
लश्कर-ए-तैयबा और टीआरएफ अपने खतरनाक एजेंडे का प्रचार करने और अपनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करके बेरोजगार युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए लुभा रहा है। मामले में आगे की जांच जारी है।