बिहार के भोजपुर और भागलपुर जिले में बुधवार को एनआईए की टीम छापेमारी और छानबीन कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान मिले कागजातों की भी जांच की जा रही है। हालांकि, इस मामले में अब तक अधिकारी कुछ बता नहीं पा रहे हैं।
भोजपुर जिले में बुधवार की सुबह दो अलग-अलग जगहों पर एक साथ एनआईए की टीम छापेमारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, डीएसपी और इंस्पेक्टर रैंक के अफसरों के नेतृत्व में आई टीम चौरी थाना क्षेत्र के छतरपुरा गांव तथा सहार थाना के कोरन डिहरी गांव स्थित दो घरों में छापेमारी कर छानबीन कर रही है।
इसके अलावा, भागलपुर के इशाकचक थाना क्षेत्र में भी एनआईए की टीम ने दबिश दी है। स्थानीय आसपास के थानों की पुलिस की भी मदद ली गई। भोजपुर में जिन संदिग्धों के घरों में छापेमारी हो रही है, वे दोनों रिश्तेदार बताए जाते हैं। दोनों घरों में रहने वाले संदिग्ध रिश्तेदार बताए जाते हैं। एक संदिग्ध के पिता उर्दू विद्यालय में शिक्षक हैं, जबकि दूसरे संदिग्ध के पिता टोला सेवक के रूप में कार्यरत हैं। टीम दोनों संदिग्धों के बेटों से पूछताछ कर रही है।
सूत्रों का दावा है कि जाली नोट के कारोबार से जुड़े होने और आतंकी कनेक्शन को लेकर छापेमारी की गई है। बताया गया कि भोजपुर के कोरन डिहरी टोला निवासी अख्तर हुसैन का पुत्र मोहम्मद वारिस लगभग पांच माह पहले मोतिहारी से जाली नोटों के साथ गिरफ्तार हुआ था। इसके ठिकाने को खंगालने अब एनआईए की टीम पहुंची है। सूत्रों के मुताबिक, एनआईए यह जांच कर रही है कि क्या इन दोनों मामलों में कोई संबंध है और क्या जाली नोटों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। हालांकि, एनआईए के अधिकारी अभी कुछ भी नहीं बोल रहे हैं।
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