मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रविवार को समालखा के पट्टी कल्याणा में 78वें निरंकारी संत सम्मेलन में शामिल हुए, जहां उन्होंने सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज और निरंकारी राजपिता रमित चांदना का अभिनंदन किया। इस अवसर पर मिशन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।
सैनी ने रविवार को समालखा के पट्टी कल्याणा में 78वें निरंकारी संत सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने यात्रा के दौरान मिशन प्रमुख सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज और निरंकारी राजपिता रमित चांदना का अभिनंदन किया। मिशन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री का सम्मान किया। श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि निरंकारी मिशन ने समाज में जाति, धर्म, भाषा और ईश्वरीय ज्ञान के भेदों से ऊपर उठकर मानवता को एकता का मार्ग दिखाया है।
उन्होंने 78वें निरंकारी संत समागम ‘आत्म मंथन’ में उपस्थित श्रद्धालुओं को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कहा कि यह मिशन वर्षों से सेवा भावना का वाहक रहा है। मुख्यमंत्री सैनी ने आगे कहा कि आजकल हम अक्सर बाहरी भौतिक दुनिया को बेहतर बनाने में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपने भीतर झाँकना ही भूल जाते हैं। संतों के इस समागम में आत्मनिरीक्षण का अवसर हम सभी को ‘निरंकार’ के और करीब लाता है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “आत्मनिरीक्षण का अर्थ है अपनी अंतरात्मा में उतरकर यह देखना कि क्या हम वही कर रहे हैं जो एक अच्छे इंसान को करना चाहिए और क्या हम सभी के भीतर करुणा, दया और प्रेम सक्रिय हैं।”
उन्होंने कहा, “यह मिशन हमें सिखाता है कि ईश्वर कोई दूर की चीज़ नहीं, बल्कि हमारे भीतर ही निवास करता है।” मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “मानव को मानव से जोड़ना ही निरंकारी मिशन की आत्मा है।” उन्होंने कहा कि मिशन ने रक्तदान, वृक्षारोपण अभियान, शिक्षा में सहायता और आपदा प्रबंधन में अभूतपूर्व कार्य किया है और यह साबित किया है कि सच्चा सेवक दूसरों के लिए जीता है।

