बिहार सरकार में मंत्री नीतीश मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के गुजराती फार्मूला वाले पोस्ट पर पटलवार किया है। नीतीश मिश्रा ने कहा कि उद्योग की बातें लालू प्रसाद यादव के मुंह से अच्छी नहीं लगती हैं। बिहार की जनता जानती है कि सारे उद्योग राजद सरकार में बंद हुए।
दरअसल राजद प्रमुख ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा- ‘मोदीजी, विक्ट्री चाहिए बिहार से और फैक्ट्री दीजिएगा गुजरात में? ये गुजराती फार्मूला बिहार में नहीं चलेगा!’
आईएएनएस से बातचीत के दौरान बिहार सरकार में मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि राजद शासनकाल (1990-2005) में बिहार की अर्थव्यवस्था और आधारभूत संरचना ध्वस्त हुई, जिसके दस्तावेजी सबूत मौजूद हैं।
नीतीश मिश्रा ने कहा कि राजद शासनकाल में बिहार में कोई उद्योग स्थापित नहीं हुआ। उन्होंने वर्तमान सरकार की उपलब्धियों पर जोर देते हुए कहा कि पिछले वर्ष 1.81 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू साइन हुए, जिनमें 90 हजार करोड़ के प्रस्तावों को मंजूरी भी दी जा चुकी है।
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बिहार के बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, नीतियों और गवर्नेंस की सराहना की। उन्होंने दावा किया कि बिहार अब बड़े निवेश को आकर्षित कर रहा है। पहले बिहार में 1000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव नहीं आते थे, लेकिन अब ऐसे कई प्रस्ताव हैं और जल्द ही बिहार देश के मानचित्र पर प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित होगा।
दिसंबर में आयोजित बिहार बिजनेस कनेक्ट का जिक्र करते हुए उद्योग मंत्री ने राज्य में निवेश प्रस्तावों को मिली मंजूरी की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराई जा रही है।
नीतीश मिश्रा ने विपक्ष के चीनी मिलों पर किए तंज का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राजद शासनकाल में खासकर 1994-95 में बिहार की सभी चीनी मिलें बंद हुईं। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने चीनी मिलों के पुनरुद्धार (रिवाइवल) की नीति बनाई।
इसके परिणामस्वरूप चंपारण क्षेत्र में दो चीनी मिलें फिर से शुरू हो चुकी हैं। अन्य मिलों के लिए निविदा निकाली गई है। विभाग नए प्रस्ताव तैयार कर रहा है और शीघ्र ही नई निविदा प्रकाशित होगी।
उन्होंने कहा कि यह एक प्रक्रिया है, जिसे किसानों के कल्याण के लिए बेहतर ढंग से लागू किया जाएगा।