छत्तीसगढ़ के दुर्ग में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने ‘री-एजेंट प्रोक्योरमेंट घोटाले’ में शशांक चोपड़ा पर शिकंजा कसा और इस दौरान दो लग्जरी गाड़ियां जब्त की।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) रायपुर जोनल ऑफिस ने 28 अगस्त को दुर्ग (छत्तीसगढ़) में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), 2002 के तहत एक बड़ी छापेमारी कार्रवाई की थी। यह कार्रवाई बहुचर्चित ‘री-एजेंट प्रोक्योरमेंट घोटाले’ से जुड़े मामले में की गई, जिसमें शशांक चोपड़ा और अन्य आरोपी शामिल बताए जा रहे हैं।
ईडी की तलाशी के दौरान दो लग्जरी गाड़ियां जब्त की गईं, जिनमें एक पोर्श कायेन कूप और एक मर्सिडीज बेंज शामिल है। ये गाड़ियां मोक्षित कॉर्पोरेशन के नाम पर पंजीकृत हैं, जो शशांक चोपड़ा और उनके पिता शांतिलाल चोपड़ा की पार्टनरशिप फर्म है। यह कार्रवाई धारा 17(1), पीएएमएलए, 2002 के तहत की गई।
ईडी ने यह जांच एसीबी और ईओडब्ल्यू रायपुर द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। एफआईआर में मोक्षित कॉर्पोरेशन, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससीएल) और डायरेक्टरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेज (डीएचएस) के वरिष्ठ अधिकारियों पर आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
चार्जशीट के अनुसार, शशांक चोपड़ा, डीएचएस और सीजीएमएससीएल के अधिकारियों ने मिलकर टेंडर प्रक्रियाओं में हेराफेरी की, फर्जी डिमांड तैयार की और मेडिकल उपकरण व री-एजेंट्स को कृत्रिम रूप से बढ़ी हुई कीमतों पर आपूर्ति की। इस साजिश से राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ, जबकि आरोपियों ने अनुचित लाभ कमाया।
ईडी की यह जब्ती पहले की कार्रवाई से अलग है। इससे पहले 30 जुलाई को तलाशी और जब्ती में 40 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्तियां जब्त और फ्रीज की गई थीं। उस कार्रवाई में भी दो लग्जरी गाड़ियां- एक मिनी कूपर और एक टोयोटा फॉर्च्यूनर जब्त की गई थीं, जो मोक्षित कॉर्पोरेशन के नाम पर दर्ज थीं। ईडी ने कहा है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है और इसमें और भी खुलासे होने की संभावना है।