मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने शुक्रवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान एचएमपीवी को लेकर प्रदेश सरकार की तैयारियां का ब्योरा दिया। उन्होंने कहा, “प्रदेश की जनता को एचएमपीवी से घबराने की जरूरत नहीं है। ”
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने मैहर के सिविल अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने एचएमपीवी से सजग रहने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एचएमपीवी से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। हमारे अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था है। केंद्र और राज्य सरकार ने नजर बनाई हुई है। एडवाइजरी जारी की जा रही हैं और हेल्थ वर्करों को सूचित किया गया है। अस्पतालों की इमरजेंसी वार्ड में अगर जरूरत पड़ती है, तो व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामले धीरे-धीरे देश में बढ़ रहे हैं। भारत सरकार की स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। हाल ही में महाराष्ट्र से दो मामले सामने आए थे।
बता दें कि एचएमपीवी को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने इसे लेकर सभी राज्यों से सावधानी और सतर्कता बरतने को कहा है।
डॉक्टरों का मानना है कि यह मुख्य रूप से हल्के श्वसन रोगों से जुड़ा हुआ है। कर्नाटक में हाल ही में तीन महीने के बच्चे का मामला पाया गया, जो इस इससे संक्रमित था। बच्चे को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई। यह मामला बताता है कि इससे उत्पन्न बीमारी में आम तौर पर हल्के लक्षण पैदा होते हैं। हालांकि, एक साल से छोटे बच्चों, 60 साल से अधिक उम्र के लोगों, और कमजोर इम्यून सिस्टम वालों व पहले से ही कई बीमारियों का सामना कर रहे लोगों को ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। ये लोग हाई रिस्क ग्रुप में आते हैं।
इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ होना शामिल है। वहीं, इसके गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने के साथ ऑक्सीजन थेरेपी और वेंटिलेशन की भी आवश्यकता हो सकती है।