झारखंड कांग्रेस के नेता राजेश ठाकुर ने भाजपा नेता गिरिराज सिंह की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उनके मन में जो आता है, वही बोल देते हैं। इसलिए कोई उन्हें गंभीरता से नहीं लेता है।
उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि गिरिराज सिंह की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। यही वजह है कि उनके मन में जो आ रहा है, वो बोल दे रहे हैं। शायद यही कारण है कि मौजूदा समय में उन्हें कोई भी गंभीरता से नहीं लेता है।
इसके अलावा, उन्होंने कथित वोट चोरी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में कौन कैसा है और किसका व्यवहार कैसा है, इसे तय करने वाले हम नहीं होते हैं। इसे तय करने वाली देश की जनता होती है। आने वाले दिनों में देश की जनता इन लोगों के पूरे चाल, चरित्र और चेहरे को पटाक्षेप करेगी। ऐसा होते हुए हम सभी लोग देखेंगे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी समुदाय विशेष के बारे में किसी भी प्रकार की विवादास्पद टिप्पणी को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। आमतौर पर इस तरह के बयान हमारे समाज के लिए किसी भी स्थिति में हितकारी नहीं माने जा सकते।
साथ ही, उन्होंने गिरिराज सिंह के रवैये पर भी सवाल उठाया और कहा कि वे किसी मंदिर के पुजारी नहीं हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें कुछ भी तय करने का अधिकार नहीं है। इस देश में लोकतंत्र है और किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में कुछ भी तय करने का अधिकार देश की जनता को होता है। इन लोगों ने मंदिर की आड़ लेकर राजनीति में अपनी जगह बनाई है। इन लोगों ने कभी-भी इस देश की जनता के हित के लिए कोई भी कदम उठाना आज तक जरूरी नहीं समझा है।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में अब हमें लगता है कि गिरिराज सिंह को अपने रवैये में बदलाव करना चाहिए। उन्हें सिर्फ राजनीति करनी चाहिए। साथ ही, वे जिस समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं, उसकी गरिमा बनाए रखें। अगर वे ऐसा करेंगे, तो यह उनके लिए ही बेहतर होगा।