November 25, 2024
National

स्वच्छता सर्वेक्षण में नोएडा को मिला पहला स्थान, गार्बेज फ्री सिटी में 5 स्टार मिले, 1 से 10 लाख की कैटेगरी में देश में दूसरे नंबर पर

नोएडा, 12 जनवरी । स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की रैंकिंग में नोएडा ने इस बार बाजी मारी है और कई अवॉर्ड जीते हैं। नोएडा को वाटर प्लस सर्टिफिकेट मिला है। इसके अलावा पिछले साल की तरह इस बार भी गार्बेज फ्री सिटी में फाइव स्टार रैंकिंग पाई है।

इसके साथ 1 से 10 लाख की कैटेगरी में देश में नोएडा को दूसरा स्थान मिला है। जिसमें नोएडा पिछले साल 5वीं पोजिशन पर था। केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय की तरफ से पहले ही दोनों सर्टिफिकेट ऑनलाइन अपलोड कर दिए गए थे। इसके तहत नोएडा ने ऊंची छलांग लगाई है।

नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक वाटर प्लस सर्टिफिकेट पाने के लिए तीन-चार साल से प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन, अब जाकर सफलता हाथ लगी है। यूपी में इन मानक पर नोएडा नंबर-1 की श्रेणी में शामिल हो गया है।

नोएडा स्वच्छता सर्वेक्षण में 3 से 10 लाख तक की जनसंख्या की श्रेणी में प्रतिभाग करता आया है। इस क्रम में सन 2018 में नोएडा की रैंक 324, 2019 में 150 और प्रदेश में प्रथम स्थान मिला। 2019 में नोएडा को गार्बेज फ्री सिटी कैटेगरी में 3 स्टार रैंकिंग, ओपन डिफेक्शन फ्री सिटी कैटेगरी में ओडीएफ प्लस प्लस मिला।

2020 में 25वीं रैंक और 2021 में चौथी रैंक हासिल हुई। नोएडा क्लीनेस्ट मीडियम सिटी और 5 स्टार गार्बेज फ्री सिटी के साथ लगातार प्रोसेसिंग क्षमता को बढ़ा रहा है। यही वजह है 2022 में 5वीं रैंक के साथ बेस्ट सेल्फ सस्टेनिबिलिटी सिटी चयनित किया गया। यही नहीं नोएडा में एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित किया गया। वहां 5 हजार स्वच्छता कर्मियों के चेहरे की पहचान कर उनकी बायोमेट्रिक उपस्थिति लगाई जाती है।

शहर में मैकेनिकल स्वीपिंग सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। यहां ट्रिपल आर के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। यहां नालों में बांबू स्क्रीन और एमएस बार स्क्रीन का प्रयोग किया जा रहा है। ताकि फ्लोटिंग मटेरियल बाहर निकालकर निपटारा किया जा सके। अभी तक ओडीएफ प्लस प्लस का सर्टिफिकेट नोएडा के पास था। वाटर प्लस इससे एक ऊपर पायदान की श्रेणी होती है। शौचालय और सीवेज लाइन का नेटवर्क जोड़ने की वजह से वाटर प्लस नोएडा को मिला है। गार्बेज फ्री सिटी का पुरस्कार लोगों के घरों से कूड़ा लेना, उसको पृथक-पृथक करना और उसका निपटारा करने की वजह से मिला है।

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