हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) ने गैर-शिक्षण, तकनीकी और फील्ड स्टाफ सदस्यों द्वारा बिना अनुमोदन के उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने को गंभीरता से लेते हुए सभी गैर-शिक्षण कर्मचारियों को उच्च अध्ययन करने से पहले सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त करने का निर्देश दिया है।
इस आशय का एक परिपत्र मंगलवार को रजिस्ट्रार प्रोफेसर ज्ञान सागर नेगी द्वारा जारी किया गया, जिसमें ज़ोर दिया गया कि किसी भी कर्मचारी को बिना पूर्वानुमति के किसी भी उच्च शिक्षा या पीएचडी कार्यक्रम में दाखिला लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन करने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य है।
रजिस्ट्रार ने बताया कि विश्वविद्यालय के संज्ञान में आया है कि कई कर्मचारी बिना अनुमति के विभिन्न कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रोफेसर महावीर सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इसलिए सभी कर्मचारियों को इस तरह का कोई भी शैक्षणिक कार्य शुरू करने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है।
गौरतलब है कि इसी साल सितंबर में एचपीयू की कार्यकारी परिषद (ईसी) ने गैर-शिक्षण कर्मचारियों को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) पाठ्यक्रम करने की अनुमति दे दी थी। हालाँकि, कार्यकारी परिषद के निर्णय के अनुसार, ऐसे कर्मचारियों को अर्जित अवकाश लेकर अपना पाठ्यक्रम पूरा करना होगा।
नवीनतम निर्देश में विश्वविद्यालय के मानदंडों और प्रशासनिक अनुशासन का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए औपचारिक अनुमति की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

