N1Live Punjab रोजगार योजना को लेकर सिर्फ भाजपा ही नहीं, पंजाब की अन्य पार्टियां भी कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं।
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रोजगार योजना को लेकर सिर्फ भाजपा ही नहीं, पंजाब की अन्य पार्टियां भी कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं।

Not only BJP, other parties of Punjab are also on the target of workers regarding the employment scheme.

केंद्र में सत्ताधारी भाजपा ही नहीं, पंजाब की अन्य राजनीतिक पार्टियों को भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) के प्रतिस्थापन को लेकर आने वाले दिनों में श्रमिकों के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। सोमवार को यहां बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे इस मुद्दे पर गांवों में भाजपा, आम आदमी पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं का घेराव करेंगे और उनसे सवाल करेंगे।

केंद्र सरकार ने हाल ही में यूपीए सरकार के कार्यकाल की योजना को ‘विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम’ से प्रतिस्थापित किया है।

यहां जिला प्रशासनिक परिसर (डीएसी) के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए, बठिंडा स्थित एमजीएनआरईजीए कर्मचारी कार्रवाई समिति के संयोजक अमरिक सिंह ने कहा कि श्रमिक पिछले दो वर्षों से चेतावनी दे रहे थे कि योजना को कमजोर कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “बार-बार चेतावनी देने के बावजूद, किसी भी विपक्षी दल ने इस कदम को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए। अब हम घेराव करेंगे और विपक्षी नेताओं से भी इस संबंध में उनके कार्यों के बारे में सवाल करेंगे।”

इससे पहले, मुक्तसर जिले के खुंडे हलाल गांव की पंचायत ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर नई केंद्रीय योजना को रद्द करने और एमजीएनआरईजीए को बहाल करने की मांग की थी। कई अन्य पंचायतें भी इसी तरह का कदम उठाने की योजना बना रही हैं।

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