मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज निर्देश जारी किए कि विभिन्न विभागों में लम्बे समय से संवेदनशील पदों पर आसीन अधिकारियों को स्थानांतरित किया जाए। सुक्खू ने यहां एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो वर्षों में लोगों को जवाबदेह और पारदर्शी शासन प्रदान करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में लंबे समय से संवेदनशील पदों पर बैठे अधिकारियों के तबादले की प्रक्रिया फिर शुरू हो गई है। राज्य कर एवं आबकारी विभाग तथा कुछ अन्य विभागों में तबादले की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने अब अन्य विभागों को भी तबादलों की तैयारी करने को कहा है।
सुखू ने उद्योग विभाग को खनन पट्टों की नीलामी प्रक्रिया में हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम को शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट के फंड के उपयोग के लिए नए नियम बनाएगी ताकि इस धन का उपयोग समाज के वंचित वर्गों के कल्याण के लिए किया जा सके।
सुखू ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के समय खनन से 240 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होता था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के व्यावहारिक प्रयासों से पिछले वित्त वर्ष में खनन से राजस्व बढ़कर 314 करोड़ रुपये हो गया है और इस वित्त वर्ष के अंत तक 360 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि दो साल के भीतर राजस्व में 120 करोड़ रुपये की वृद्धि होने वाली है।
उन्होंने कहा कि सरकार हिमाचल प्रदेश में हरित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है और पर्यटन, जल विद्युत, खाद्य प्रसंस्करण, डेटा भंडारण और डेयरी क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि इन पहलों से न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
सुक्खू ने कहा कि सरकार उद्योगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दावा किया कि हिमाचल प्रदेश में पड़ोसी राज्यों की तुलना में सस्ती बिजली उपलब्ध है।