April 21, 2025
Rajasthan

ईडी की कार्रवाई पर प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, ‘सरकार मुझे झुका नहीं सकती’

On ED’s action, Pratap Singh Khachariyawas said, ‘The government cannot bow me down’

जयपुर, 17 अप्रैल। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। ईडी की कार्रवाई पर कांग्रेस नेता ने मीडिया से बात करते हुए भाजपा पर निशाना साधा।

प्रताप सिंह खाचरियावास ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) केंद्र सरकार के अधीन आती है। इस डबल इंजन की सरकार से ज्यादा उम्मीद नहीं कर सकता। मेरे परिवार के सदस्यों के यहां बेवजह सर्च चल रहा है। हम पूरा सर्च करवाएंगे। ईडी अधिकारियों को हम पूरा सहयोग करेंगे।

उन्होंने आरोप लगाया कि मैं भाजपा सरकार की लगातार पोल खोल रहा हूं, इसलिए छापेमारी करा दी। कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं पिछले डेढ़ साल से इनके खिलाफ बोल रहा हूं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जो भी भाजपा सरकार के खिलाफ बोलता है, उसके आवास पर ईडी भेज देते हैं। मुझे भी पहले से पता था कि ईडी तो एक दिन पहुंचेगी।

खाचरियावास ने चेतावनी देते हुए कहा कि ईडी, इनकम टैक्स और केंद्र सरकार मुझे झुका नहीं सकती। मैं डरना नहीं जानता। मैं सिर्फ मरना जानता हूं और मौत ईश्वर के हाथ में है। भाजपा हमेशा सरकार में नहीं रहेगी। सरकारें बदलती रहती हैं। हम डरते नहीं हैं।

बता दें कि ईडी ने मंगलवार को जयपुर में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की। जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 महीने में लोगों को ब्याज समेत भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।

पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49100 करोड़ का निवेश किया था।

इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।

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