November 1, 2025
Entertainment

राष्ट्रीय एकता दिवस पर अशोक पंडित बोले, अगर सरदार पटेल बनते पहले पीएम तो दुश्मन अस्तित्व में न होते

On National Unity Day, Ashok Pandit said, if Sardar Patel had been the first PM, the enemies would not have existed.

सरदार वल्लभभाई को समर्पित राष्ट्रीय एकता दिवस शुक्रवार को मनाया जा रहा है। इस दौरान फिल्म निर्देशक अशोक पंडित ने मुंबई पुलिस द्वारा आयोजित दौड़ में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते, तो हमारे दुश्मन शायद अस्तित्व में ही नहीं होते।

फिल्म निर्देशक ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर कैप्शन में लिखा, “राष्ट्रीय एकता दिवस हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन सरदार वल्लभभाई पटेलजी की उस महान सोच और योगदान को याद करते हैं, जिन्होंने ‘देश को एकता’ के सूत्र में बांधा और ‘विविधता में एकता’ का संदेश दिया था। साल 2025 में हम सरदार पटेल जी की 150वीं जयंती मना रहे हैं और आज सुबह मैंने मुंबई पुलिस द्वारा आयोजित दौड़ में हिस्सा लिया और मेरी यही कामना है कि भारत और भी ताकतवर बने। अगर सरदार वल्लभभाई पटेल जी भारत के पहले प्रधानमंत्री होते, तो आज देश की तस्वीर कुछ और होती।”

केंद्र सरकार ने साल 2014 में घोषणा की थी कि हर साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य लोगों को देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के महत्व को याद दिलाना है।

इस दिन स्कूल-कॉलेजों, सरकारी दफ्तरों और संगठनों में ‘रन फॉर यूनिटी,’ निबंध स्पर्धाएं, भाषण प्रतियोगिताएं और देशभक्ति गीत-संगीत के कार्यक्रम होते हैं। सरदार पटेल को ‘भारत का बिस्मार्क’ भी कहा जाता है, क्योंकि जर्मनी को एक करने में उन्होंने बिस्मार्क की तरह भारत को अखंड बनाया था। उनकी दूरदर्शिता ने देश को स्थिरता दी थी।

आजादी के बाद भारत 562 छोटी-बड़ी रियासतों में बंटा हुआ था। ऐसे समय में सरदार पटेल ने अपनी अटूट इच्छाशक्ति, चतुर राजनीति और मजबूत नेतृत्व से सभी रियासतों को भारत संघ में मिलाया। हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर जैसी जटिल रियासतों का एकीकरण उनके प्रयासों से ही संभव हुआ। उन्होंने ‘स्टेट्स रीऑर्गनाइजेशन कमेटी’ की आधारशिला रखी, जिससे भारत को मजबूत प्रशासनिक संरचना मिली।

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