January 7, 2025
Rajasthan

अजमेर शरीफ पर चादर पेश करने पर हाजी सलमान चिश्ती ने कहा, नफरत की बात करने वालों को बड़ा संदेश

On presenting ‘chadar’ at Ajmer Sharif, Haji Salman Chishti said, big message to those who talk about hatred.

अजमेर, 5 जनवरी । राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह पर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भेजे गए चादर को चढ़ाया गया। इस पर चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हाजी सलमान चिश्ती और खादिम दरगाह के सैयद अफसान चिश्ती ने पीएम मोदी का आभार जताया।

चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन हाजी सलमान चिश्ती आईएएनएस को बताया कि “शनिवार को बहुत ही हर्षोल्लास, जोश और जज्बे के साथ पीएम मोदी की तरफ से 813 वें सालाना उर्स के मौके पर चादर पेश क‍िया गया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने दिल्ली से चादर लेकर आए हैं। पीएम मोदी की तरफ से 140 करोड़ देशवासियों के लिए बहुत अच्छा पैगाम दिया गया है।”

उन्होंने कहा, “हमारे देश की साझा विरासत अमन, प्यार और मोहब्बत की है। इसको लेकर पीएम मोदी ने आज खास संदेश दिया है। उन्होंने देश-दुनिया में मौजूद श्रद्धालुओं को बधाई दी है। उन्होंने अमन और एकता का पैगाम दिया है, जिसको लाखों लोगों के सामने पढ़ा गया है। देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। पीएम मोदी के अच्छे सेहत के लिए हम दुआ करते हैं और वो पूरे विश्व में भारत और भारतवासियों का नाम रोशन करते रहें।

उन्होंने आगे कहा, “भारत की आध्यात्मिक विरासत पूरी दुनिया में मोहब्बत की तरह पहचाना जाता है और इसी तरह पहचाना जाएगा। वहीं, यह बहुत बड़ा संदेश है कि जो नफरत की बात करते हैं, उनके लिए देश में कोई जगह नहीं है। वो देश और विकसित भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं।”

खादिम दरगाह के सैयद अफसान चिश्ती ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को भेजी गई चादर और संदेश को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी लेकर पहुंचे, जिसको मेरी वकालत में मजार पर पेश किया गया। इसके साथ ही हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सेहत सलामती की दुआ की। उनके नेतृत्व में हमारा भारत इसी तरह पूरे दुनिया में अपना डंका बजाता रहे। हर मजहब के लोग देश में जैसे फल-फूल रहे हैं, वैसे ही फलते-फूलते रहें।”

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