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शरद पूर्णिमा पर हर्षा रिछारिया, छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री और निर्भय वाधवा ने किए महाकाल के दर्शन

On Sharad Purnima, Harsha Richharia, Education Minister of Chhattisgarh and Nirbhay Wadhwa visited Mahakal

शरद पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर मध्य प्रदेश के उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिला। इस खास मौके पर छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया के अलावा टीवी अभिनेता निर्भय वाधवा ने अपने परिवार के साथ बाबा महाकाल के दर्शन किए।

सोमवार को मंदिर का माहौल भक्तिमय हो उठा और श्रद्धालुओं की भीड़ ने इस खास पल को और यादगार बना दिया।

शरद पूर्णिमा की सुबह इन तीनों हस्तियों ने महाकाल मंदिर में भस्म आरती में हिस्सा लिया। नंदी मंडप में बैठकर उन्होंने बाबा महाकाल की दिव्य आरती का सौभाग्य प्राप्त किया। छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री ने बाबा महाकाल के प्रति अपनी गहरी आस्था व्यक्त की। उनकी उपस्थिति ने मंदिर में मौजूद भक्तों के बीच उत्साह बढ़ाया।

सोशल मीडिया पर अपनी सकारात्मक और प्रेरणादायक पोस्ट के लिए जानी जाने वाली हर्षा रिछारिया भी इस खास मौके पर महाकाल के दर्शन करने पहुंचीं। हर्षा पहले भी कई बार उज्जैन आ चुकी हैं और उनकी बाबा महाकाल के प्रति अटूट श्रद्धा किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने भस्म आरती के दौरान बाबा का आशीर्वाद लिया और इस पल को अपने जीवन का एक खास अनुभव बताया। हर्षा ने कहा कि महाकाल की कृपा से उन्हें हमेशा सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

वहीं, टीवी धारावाहिकों में ‘हनुमान’ के किरदार से घर-घर में पहचान बनाने वाले अभिनेता निर्भय वाधवा परिवार के साथ मंदिर पहुंचे। भस्म आरती में शामिल होने के बाद उन्होंने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। निर्भय ने बताया कि उज्जैन का महाकाल मंदिर उनके लिए हमेशा से एक विशेष स्थान रहा है और शरद पूर्णिमा जैसे पवित्र दिन पर यहां आना उनके लिए सौभाग्य की बात है।

यह संयोग बेहद खास था कि अलग-अलग क्षेत्रों की ये तीनों हस्तियां एक ही समय पर बाबा महाकाल के दरबार में मौजूद थीं। मंदिर में मौजूद अन्य श्रद्धालुओं ने भी इस अवसर को खास बताया और इन हस्तियों के साथ बाबा के दर्शन का आनंद लिया। मंदिर प्रशासन ने भी इस दौरान व्यवस्था को सुचारू रखने में कोई कमी नहीं छोड़ी।

शरद पूर्णिमा के इस अवसर पर महाकाल मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। हर कोई बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए उत्साहित था। मंदिर को फूलों और रोशनी से सजाया गया था, जिसने इस पवित्र दिन के उत्सव को और भव्य बना दिया। इस मौके पर भक्तों ने बाबा महाकाल से सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। मंदिर के पुजारियों ने बताया कि शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा की किरणें अमृतमयी मानी जाती हैं।

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