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बिहार में कई पुल गिरने पर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा, यह विभाग राजद के पास था

On the collapse of many bridges in Bihar, Minister Ashok Chaudhary said, this department was with RJD.

पटना, 4 जुलाई । बिहार से लगातार निर्माणाधीन पुलों के गिरने की खबरें सामने आ रही हैं। अब पुलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिसमें कहा गया है कि कोर्ट राज्य सरकार को निर्देश दे कि वो सभी निर्माणाधीन पुलों की जांच कराए।

वहीं इस पर अब राजनीति भी तेज हो गई है। आरजेडी इसका ठीकरा डबल इंजन की सरकार पर फोड़ रही है। जबकि जेडीयू इसकी जिम्मेदारी आरजेडी के नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सिर पर मढ़ रही है।

नीतीश सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने पुल के मेंटेनेंस को लेकर बताया कि हमारी सरकार पुलों की मेंटेनेंस पॉलिसी लाने की दिशा में कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अलग-अलग विभाग से कहा है कि वो पुलों को लेकर मेंटेनेंस पॉलिसी लाएं। इसके तहत पुराने और निर्माणाधीन पुल की जांच की जाएगी। साथ ही मुख्यमंत्री सेतु योजना, जो साल 2016 में बंद हो गई थी, उसे फिर से शुरू करने की योजना बनाई जा रही है। पुलों के गिरने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि कई जगहों पर नदी का रूट बदल गया, जिसकी वजह से ऐसी घटनाएं हुईं। कई जगहों पर सेंटरिंग गिरने के कारण इस तरह की घटनाएं हुई।

अशोक चौधरी ने कहा, जो ठेकेदार इस प्रोजेक्ट के तहत काम कर रहे थे, उन पर लापरवाही के चलते सरकारी धन के दुरुपयोग के तहत एक्शन लिया जाएगा। उन पर एफआईआर का प्रावधान नहीं है, लेकिन अगर इस तरह की घटना होगी तो सरकार निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी।

इस दौरान अशोक चौधरी ने पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर हमला किया। उन्होंने कहा कि ये विभाग डेढ़ साल पहले राजद के पास था और तेजस्वी यादव इसके मंत्री थे। जब से जेडीयू के पास यह विभाग आया, उसके बाद चुनाव था। तब 20 दिन का समय मिला। तो आप बताइए कि कौन इसका जिम्मेदार है ? जिम्मेवारी 20 दिन वाली पार्टी की है या डेढ़ साल से जिसके पास विभाग था उसकी?

बता दें, पिछले करीब 20 दिनों में बिहार में कुल 9 पुल गिर गए हैं। बुधवार को सीवान जिले में दो और सारण में एक पुल गिर गया। इसके कुछ दिन पहले मधुबनी जिले के झंझारपुर में निर्माणाधीन पुल का बीम गिर गया। यह करीब तीन करोड़ की लागत से बनाया जा रहा था।

बकरा नदी के ऊपर 12 करोड़ की लागत से बन रहा पुल भी ढह गया। इसके कुछ ही दिन बाद सीवान की गंडकी नदी पर बन रहे पुल के धराशायी होने का मामला सामने आया। फिर पूर्वी चंपारण में निर्माणाधीन पुल भी गिर गया। किशनगंज में कंकई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली नदी पर बने रहे पुल के भी गिरने का मामला सामने आया था। इनके अलावा पंचायत स्तर पर भी कई पुल गिर चुके हैं।

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