छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बीते दिनों पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। मुकेश चंद्राकर वही पत्रकार हैं, जिन्होंने 8 अप्रैल 2021 को सीआरपीएफ जवान राकेश्वर सिंह मनहास को नक्सलियों के कब्जे से सुरक्षित रिहा कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन अब वह खुद हमारे बीच नहीं हैं। चंद्राकर की हत्या पर सीआरपीएफ जवान राकेश्वर सिंह की पत्नी ने दुख और शोक जताया।
आईएएनएस से बातचीत में राकेश्वर सिंह की पत्नी ने कहा कि मुकेश हमारे लिए एक फरिश्ता जैसे थे। मुझे इस घटना के बारे में सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ। अगर पत्रकारों के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम लोगों के साथ क्या हो सकता है? जब भी कुछ बुरा होता है, पत्रकार सबसे पहले सामने आते हैं, जैसे उन्होंने हमारे पति की जान बचाई। अब सरकार का यह कर्तव्य है कि वह उनके परिवार की मदद करे। भगवान का धन्यवाद है कि मुझे मेरा पति सुरक्षित वापस मिला। उन्होंने कहा कि मैंने कल मुकेश चंद्राकर के बारे में सुना और तब से हमारे परिवार की नींद उड़ी हुई है।
उन्होंने कहा कि वह हमेशा मुझसे व्हाट्सएप के जरिए संपर्क में रहते थे और मुझे वहां की स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट देते रहते थे। कल ही मुझे यह दुखद जानकारी मिली कि मुकेश अब हमारे बीच नहीं रहे। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं। उन्होंने पिछले साल जून में मुकेश से बात की थी और उस दौरान मुकेश ने अपनी यात्रा के बारे में बताया था। उसने कहा था कि वह अपनी फैमिली के साथ माता वैष्णो देवी के दर्शन करने जाना चाहता था। मैंने उसे कहा था कि वह अपने परिवार के साथ हमारे घर आए।
राकेश्वर सिंह की पत्नी ने सवाल उठाया कि ऐसी कौन सी परिस्थितियां थीं, जिनकी वजह से उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी? किसी ने उनकी जान क्यों ली? मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करती हूं कि जो लोग इस घटना के जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। सरकार का कर्तव्य है कि वह मुकेश चंद्राकर के परिवार को न्याय दिलाए और ऐसे अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
बता दें कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर एक जनवरी से लापता थे। तीन जनवरी को उनका शव बीजापुर के चट्टान पारा इलाके में सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के फार्म हाउस के सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया
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