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विपक्ष के माइक बंद करने के आरोप पर सभापति ने कहा, यह मेकेनिकली कंट्रोल्ड है

On the opposition's allegation of switching off the mic, the Chairman said, it is mechanically controlled.

नई दिल्ली, 1 जुलाई। राज्यसभा में सोमवार को विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का माइक बंद कर दिया गया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि इसका क्या मतलब है कि माइक बंद कर दिया। माइक किसी ने बंद नहीं किया, यह ऑटोमैटिक है।

उन्होंने कहा कि माइक बंद करने का किसी को अधिकार नहीं है। इस प्रकार की भ्रांति फैलाकर संसद को कलंकित करते हैं। मिस्टर खड़गे, आपको मालूम है कि यह मैकेनिकली कंट्रोल्ड है। यहां प्रथम पंक्ति में बदलाव के बाद कुछ सदस्यों का आचरण अति उत्साही हो रहा है। यह आचरण इतना उत्साही हो रहा है, यह कोई तरीका नहीं है।

कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी अब राज्यसभा की सदस्य हैं और वह प्रथम पंक्ति में बैठती हैं। सोनिया गांधी इससे पहले लोकसभा की सदस्य थीं।

सभापति ने इस विषय पर मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा कि जब मैं (सभापति) बोलता हूं तो किसी अन्य व्यक्ति का माइक चालू नहीं रहता। शालीनता की सीमा रखिए।

नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसके आगे राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए कहा, “सच बोलने वाले अक्सर बहुत कम बोलते हैं, झूठ बोलने वाले हरदम बोलते हैं। एक सच के बाद और सच की जरूरत नहीं होती। एक झूठ के बाद सैकड़ों झूठ बोलने पड़ते हैं।”

खड़गे ने सदन में कहा कि ठीक चुनाव से पहले हमें करोड़ों रुपए के इनकम टैक्स का नोटिस दिया गया। हमारे खाते सीज कर दिए गए। आप चुनाव में बराबरी की बात करते हैं और चुनाव आते ही विपक्षी पार्टी के खाते सीज कर देते हैं। ‘सत्ता पक्ष ने चंदा लो, धंधा दो’ के जरिए हजारों करोड़ रुपये बनाए। ईडी, आईटी, सीबीआई जैसी संस्थाओं का दुरुपयोग भी कंपनियों से पैसा वसूलने के लिए किया गया। जनता द्वारा चुनी गई सरकारें गिराने और विधायकों को खरीदने, तोड़ने का काम किया है, जो संविधान का अपमान है।

नेता प्रतिपक्ष ने सभापति से कहा कि आप अगले तीन, साढ़े तीन साल सच्चाई का साथ दें। खड़गे के इन आरोपों पर नेता सदन व भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मैं नेता प्रतिपक्ष का सम्मान करता हूं, लेकिन आपके बयान सदन के नियमों के परे नहीं होने चाहिए। सभापति के खिलाफ ऐसा कुछ स्वीकार्य नहीं हो सकता।

सभापति ने खुद पर लगाए जा रहे आरोपों पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मुझे चेयर लीडर कहा। कई अवसरों पर मैंने बातचीत के लिए नेता प्रतिपक्ष को अपने कार्यालय में बुलाया, तो वह नहीं आए।

खड़गे ने इसके बाद अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि आपने इंडिया गठबंधन के दो मुख्यमंत्रियों को जेल में डाला। हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत दी। दिल्ली के चीफ मिनिस्टर को जमानत मिल गई तो उनको दूसरे केस में फंसा दिया। सताने के लिए या फिर दूसरी पार्टी को आगे बढ़ने से रोकने के लिए यह काम, यह लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है। पहले प्रधानमंत्री कहते थे कि मिली-जुली सरकारों के कारण देश की छवि खराब हुई। मिली-जुली सरकार की जरूरत नहीं है, लेकिन अब जनता ने मिली-जुली सरकार बनाने पर मजबूर किया है।

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