नई दिल्ली, 22 जनवरी । सुप्रीम कोर्ट सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले को चुनौती देने वाली शिवसेना-यूबीटी नेता सुनील प्रभु की याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया। स्पीकर के फैसले में कहा गया था कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला गुट “असली” शिवसेना है।
सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने नोटिस जारी किया और मामले में सीएम शिंदे और उनके खेमे के 38 अन्य विधायकों से जवाब मांगा।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पीठ से शीर्ष अदालत के समक्ष दायर विशेष अनुमति याचिका पर विचार करने का आग्रह किया, जिसमें कहा गया था कि स्पीकर नार्वेकर के आदेश में संविधान पीठ के मई 2023 के फैसले की व्याख्या की जरूरत है।
शीर्ष अदालत ने नोटिस का जवाब दो हफ्ते में देने को कहा।
पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नार्वेकर द्वारा 10 जनवरी के फैसले पर सवाल उठाया था, जिसमें कहा गया था कि सीएम शिंदे के नेतृत्व वाला समूह ही असली “शिवसेना” है।
याचिका में सीएम शिंदे और ठाकरे खेमे के अन्य विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं को खारिज करने को भी चुनौती दी गई है।