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दिल्ली चुनाव के रुझानों पर संजय राउत बोले, आप- कांग्रेस साथ लड़ते तो अच्छा होता

On the trends of Delhi elections, Sanjay Raut said, it would have been better if AAP-Congress had fought together.

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने दिल्ली में भाजपा की बढ़त पर कहा कि यहां पर महाराष्ट्र जैसा पैटर्न लागू करने की कोशिश की गई है। यह कोशिश भाजपा को जिताने के मकसद से की गई है। साथ ही उन्होंने इंडी अलायंस में तालमेल को लेकर भी राय रखी।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच तालमेल अच्छा होता, तो दोनों के बीच संबंध अच्छे होते, तो आज की तारीख में दिल्ली में चुनावी माहौल कुछ और होता। लेकिन अफसोस, ऐसी स्थिति दिल्ली में देखने को नहीं मिली।

संजय राउत ने उमर अब्दुल्ला के पोस्ट के संदर्भ में कहा कि इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का प्रतिद्वंदी अगर कोई है, तो वो भाजपा है। हमें यहां पर एक बात समझनी होगी कि भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए आम आदमी पार्टी भी लड़ती है और कांग्रेस भी लड़ती है, लेकिन दोनों अलग-अलग लड़ती हैं। अगर ये दोनों ही दल एक साथ होते, तो आज दिल्ली में महज एक घंटे में ही भाजपा साफ हो जाती।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को पिछले पांच सालों में दिल्ली में कोई काम नहीं करने दिया गया। लेफ्टिनेंट गवर्नर को गुजरात से लाया गया। उनके हाथ में पूरी ताकत दे दी गई। आप के सभी प्रमुख नेताओं को सलाखों के पीछे भेज दिया गया। जब आप किसी पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं को सलाखों के पीछे भेज देंगे, तो चुनाव कैसे लड़ेंगे? यही भाजपा का पैटर्न है। इस पैटर्न को इन्होंने महाराष्ट्र में भी अपनाया था और बहुत मुमकिन है कि इसी पैटर्न को बिहार में भी अपनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में महाराष्ट्र वाला पैटर्न लागू करने की कोशिश की गई है, जिसके तहत शीर्ष नेतृत्व को खत्म किया जाता है और उस संबंधित पार्टी के शीर्ष नेताओं को सलाखों के पीछे भेजा जाता है। यही पैटर्न दिल्ली में लागू किया जाता है।

उन्होंने दावा किया कि आज की तारीख में कोई भी भाजपा को वोट नहीं देना चाहता है। यह तो जबरदस्ती का वोटिंग है।

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