मंडी जिले के अनुसूचित जाति के ट्राउट मछली पालकों के लिए कल बरोट में एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं कृषि इनपुट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अनुसूचित जाति उपयोजना के अंतर्गत शीतजल मत्स्य अनुसंधान निदेशालय, भीमताल, उत्तराखंड के सहयोग से आयोजित किया गया था।
मत्स्य पालन विभाग मंडी की सहायक निदेशक नीतू सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य मत्स्य पालकों को रेनबो ट्राउट मछली पालन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करना है।
कार्यक्रम में ट्राउट फार्म प्रबंधन, मछली आहार, ट्राउट को प्रभावित करने वाली बीमारियों और उनके उपचार जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया, ताकि किसानों को अपनी कृषि पद्धतियों में सुधार करने और मछली पालन को अधिक लाभदायक बनाने में मदद मिल सके।
शीतजल मत्स्य अनुसंधान निदेशालय (डीसीएफआर) के विशेषज्ञों, जिनमें वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रेनू जेठी, वैज्ञानिक डॉ. आदिल और बिलासपुर और पतलीकुहल के मत्स्य निदेशालय के सहायक निदेशक, चंचल ठाकुर और अरुण कांत शामिल हैं, ने भी सत्र के दौरान बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।
विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस अवसर पर, प्रत्येक प्रतिभागी मत्स्य पालक को ट्राउट मछली पालन के लिए 10,000 रुपये मूल्य के आवश्यक उपकरण निःशुल्क वितरित किए गए।
कार्यक्रम में जिले के अनुसूचित जाति समुदाय के कुल 25 प्रगतिशील ट्राउट किसानों ने भाग लिया।
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