उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज कहा कि राज्य सरकार केवल आवश्यकता आधारित संस्थान खोलेगी, जबकि पिछली भाजपा सरकार ने मुफ्त सुविधाएं बांटी थीं तथा सत्ता में वापसी के लिए संस्थान खोले थे।
नैना देवी विधायक रणधीर शर्मा द्वारा पूछे गए सवाल पर अग्निहोत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने बिना स्टाफ या बजट का प्रावधान किए 1,000 से अधिक सरकारी संस्थान खोले थे। उन्होंने कहा, “हम संस्थानों को लापरवाही से नहीं बल्कि सोच-समझकर खोल रहे हैं। यही कारण है कि अभी तक केवल 35 संस्थान ही खोले गए हैं। हम शिक्षा, जल संसाधन और ग्रामीण विकास जैसे विभागों में कामकाज को सुचारू बनाने के लिए तर्कसंगतीकरण कर रहे हैं।”
अग्निहोत्री ने कहा कि योग्यता के आधार पर जरूरत के मुताबिक संस्थान खोले जाएंगे, लेकिन राज्य के संसाधनों को बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार ने राजनीतिक कारणों से 1,000 संस्थानों को अधिसूचित किया, लेकिन उसने अपने कर्मचारियों के लंबित बकाए का भुगतान करने की जहमत नहीं उठाई।”
विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने लोगों की मांग पर खोले गए 1000 संस्थानों को गैर अधिसूचित करके बदले की भावना से काम किया है।
उन्होंने कहा, “आपने 11 दिसंबर 2022 को शपथ ली और कैबिनेट गठन से पहले ही हमारी सरकार द्वारा एक साल में खोले गए संस्थानों को बिना किसी मापदंड या तर्क का पालन किए डी-नोटिफाई कर दिया गया। यह फैसला राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है।”
ठाकुर ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार ने विधानसभा चुनाव से मात्र पांच दिन पहले बिना बजटीय प्रावधान के 22 नए महाविद्यालयों की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन हमने उन सभी को क्रियाशील बना दिया।
रणधीर शर्मा ने कांग्रेस सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों का ब्यौरा मांगा तथा बजटीय प्रावधान भी मांगा। सुंदरनगर विधायक राकेश जम्वाल तथा ऊना विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस सरकार द्वारा खोले गए संस्थानों के लिए उपलब्ध कराए गए धन का ब्यौरा मांगा तथा यह भी पूछा कि कितने गैर अधिसूचित संस्थानों को पुनः खोला गया है।
पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल के प्रश्न पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन को बताया कि पिछले तीन वर्षों में वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा 3(1) के तहत 637 मामले तथा धारा 3(2) के तहत 2,690 मामले स्वीकृत किए गए हैं।
उन्होंने कहा, “एफआरए अधिनियम, 2006, यूपीए शासन के दौरान पारित एक ऐतिहासिक कानून है। इसका उद्देश्य आदिवासी लोगों और वनों पर निर्भर लोगों के अधिकारों की रक्षा करना था। भाजपा सरकार ने एफआरए अधिनियम के तहत केवल छह मामलों को मंजूरी दी थी और अब हमारी सरकार इसे लागू करेगी ताकि हजारों वनवासियों को इसका लाभ मिल सके।”
शाहपुर विधायक केवल सिंह पठानिया के प्रश्न के लिखित उत्तर में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि राज्य में 452 स्टोन क्रशरों में से 342 चालू हैं। उन्होंने बताया कि इन स्टोन क्रशरों से वर्ष 2024-25 के दौरान 127.67 करोड़ रुपये की रॉयल्टी प्राप्त हुई है।