N1Live National जांच का सामना कर रहे सेवानिवृत्त अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के लिए केवल प्रोविजनल पेंशन : केरल हाईकोर्टजांच का सामना कर रहे सेवानिवृत्त अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के लिए केवल प्रोविजनल पेंशन : केरल हाईकोर्ट
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जांच का सामना कर रहे सेवानिवृत्त अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के लिए केवल प्रोविजनल पेंशन : केरल हाईकोर्टजांच का सामना कर रहे सेवानिवृत्त अखिल भारतीय सेवा अधिकारियों के लिए केवल प्रोविजनल पेंशन : केरल हाईकोर्ट

Only provisional pension for retired All India Service officers facing investigation: Kerala High Court

कोच्चि, 17 मई । केरल हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि विभागीय या न्यायिक कार्यवाही का सामना कर रहे अखिल भारतीय सेवाओं के सेवानिवृत्त सदस्यों के लिए केवल प्रोविजनल पेंशन मंजूर की जा सकती है।

अदालत ने पेंशन कम्युटेशन और डीसीआरजी (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी) के वितरण का आदेश दिया और कहा कि अखिल भारतीय सेवाओं के सदस्यों के लिए पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों को नियंत्रित करने वाले नियमों में किसी सेवानिवृत्त अधिकारी की पेंशन और ग्रेच्युटी रोकने के प्रावधान नहीं हैं।

अदालत ने फैसला सुनाया : “नियम 6(2) विभागीय या न्यायिक कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान पेंशन और डीसीआरजी के संबंध में किए जाने वाले आदेशों से संबंधित है। इस नियम का अंतिम हिस्‍सा यह खुलासा करता है कि विभागीय या न्यायिक कार्यवाही के समापन और उस पर अंतिम आदेश जारी होने तक कर्मचारी को कोई डीसीआरजी का भुगतान नहीं किया जाएगा।”

“जब नियम 6(2) कहता है कि विभागीय या न्यायिक कार्यवाही के समापन तक केवल प्रोविजनल पेंशन की अनुमति है, तो आवश्यक निहितार्थ से, यह पूर्ण पेंशन की मंजूरी को रोकता है। हालांकि नियम 6(2) विशेष रूप से पेंशन के संराशीकरण का उल्लेख नहीं करता है, लेकिन संराशीकरण पेंशन भी पेंशन का एक हिस्सा है जिसे पूर्ण पेंशन स्वीकृत होने पर स्वीकृत किया जा सकता है।”

राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि नियम 6 (2) निर्दिष्ट करता है कि ऐसे मामलों में जहां विभागीय या न्यायिक कार्यवाही शुरू की जाती है या जब सेवानिवृत्ति के बाद विभागीय कार्यवाही जारी रहती है, तो सेवानिवृत्ति के बाद विभागीय कार्यवाही में अंतिम आदेश पारित होने तक केवल प्रोविजनल पेंशन की अनुमति दी जाती है।

इसके अलावा, यह कहा गया कि विभागीय कार्यवाही जारी रहने के दौरान डीसीआरजी का संवितरण और पेंशन का कम्युटेशन अस्वीकार्य है। अदालत ने कहा कि विभागीय कार्यवाही चल रही थी और सेवानिवृत्ति की तारीख तक अधिकारी के खिलाफ एक आपराधिक मामला भी लंबित था।

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