केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के दीक्षांत समारोह में कहा कि दूरदर्शी नीतियां ही देश की तस्वीर बदलती हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी से अधिक हो गई है और आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना बन चुकी है।
जेपी नड्डा ने कहा कि केजीएमयू ने देश की ही नहीं, दुनिया में मानवता की सेवा की है। यहां पर मेडिकल की पढ़ाई कर निकले छात्र दुनिया के अन्य देशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि केजीएमयू का गौरवमय इतिहास रहा है। यहां काम करना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि मरीज को स्वस्थ करना आसान काम नहीं होता है। मरीज आपके पास जीवन की रक्षा व सुरक्षा की आस से आता है।
नड्डा ने कहा कि 20वीं शताब्दी तक देश में एक ही एम्स था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश में 23 एम्स हैं। पहले मेडिकल के छात्र उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाते थे। अब हमारा विद्यार्थी नहीं कह सकता कि भारत में सुविधा नहीं है। अब भारत में इस्टीट्यूशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर व फैसिलिटी है। मेडिकल के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आ रहा है। पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से 62 करोड़ परिवार को लाभान्वित किया है। 70 वर्ष से ऊपर सबको पांच लाख का हेल्थ कवर दिया जा रहा है।
उन्होंने केजीएमयू को देश के प्रमुख अस्पतालों में शामिल बताते हुए कहा कि इसे और आगे ले जाने की जरूरत है। नड्डा ने आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया कि यह 53 नहीं बल्कि 62 करोड़ भारतीयों को कवर दे रही है। योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक नागरिक को हर साल 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य कवर दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि देश में हर समय करीब 5 करोड़ गर्भवती माताओं और उनके गर्भस्थ शिशुओं की निगरानी की जाती है, साथ ही प्री- और पोस्ट-डिलीवरी वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जाता है।
नड्डा ने कोविड प्रबंधन का उदाहरण देते हुए कहा कि जहां कई देश आज भी कागजी सर्टिफिकेट देते हैं, वहीं भारत ने डिजिटल वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी कर वैश्विक मानक स्थापित किए। केंद्रीय राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दीक्षांत छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि सीखने की प्रक्रिया कभी नहीं रुकनी चाहिए।


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